श्रद्धा से मनाया ज्ञान व लाभ पंचमी का पर्व : जैन स्थलों में प्राचीन ग्रंथों का पूजन

जोधपुर, 06 नवम्बर (हि.स.)। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज लाभ व ज्ञान पंचमी के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर कई स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। ज्ञान पंचमी पर्व पर जैन धार्मिक स्थलों में प्राचीन ग्रंथों का पूजन किया गया।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की लाभ पंचमी और सौभाग्य पंचमी बुधवार को मनाई गई। दीपावली समारोह के दौरान मंगल किए गए व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, मार्केट आदि व्यवसाय फिर से लाभ पंचमी के दिन खुल गए और नया व्यापार शुरू किया गया। सूर्यनगरी के जैन धर्म स्थलों पर साधु-साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान की पूजा की गई। जैन तीर्थ स्थलों के पुस्तकालयों में जैन शास्त्रों, ग्रन्थों, आगम, उड्डाराध्ययन सूत्र आदि धार्मिक ग्रन्थों का पूजन किया गया। इस अवसर पर धार्मिक शास्त्रों की विशेष सजावट की गई। ज्ञान की अभिवृद्धि के उद्देश्य से जैन ग्रन्थों की वाक्षशेप समर्पित करते हुए पूजा की गई। केसरिया कुंथुनाथ जैन मंदिर, भैरू बाग पाश्र्वनाथजैन श्वेतांबर तीर्थ, मुहताजी मंदिर, दिग्विजय नगर, रत्नप्रभ धर्म क्रिया भवन, त्रिस्तुतिक संघ खेरादियों का बास सहित कई जैन तीर्थ स्थलों पर ज्ञान की आराधना की गई।

श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक तपागच्छ संघ की ओर से ज्ञान पंचमी पर बुधवार को क्रिया भवन में पहली बार हाथों से बने कागज, कलम, स्याही आदि उपकरणों का समावेश किया गया। प्रवक्ता धनराज विनायकिया ने बताया कि मुनि विजय व साध्वीवृंद के सान्निध्य में प्राचीन ज्ञान ग्रंथों, साहित्य और आगम सूत्रों की सजावट कर पूजा अर्चना की गई। संघ अध्यक्ष पारस पोरवाल व हीराचंद भंडारी ने बताया कि धर्मग्रंथों और लेखन उपकरणों की पूजा व अनुष्ठान किए गए। संघ आराधना प्रभारी सुरेश लूंकड़ व कमलेश सेठ ने बताया कि इस दौरान बीस नवकारवली का जाप किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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