रूस में भारत को मिला समुद्र का नया प्रहरी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'तुशील' 


- कमीशनिंग समारोह में राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना प्रमुख के साथ शामिल हुए
- यात्रा में उठेगा एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति में देरी का मुद्दा

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (हि.स.)। रूस के कलिनिनग्राद में सोमवार को भारतीय नौसेना को समुद्र का नया प्रहरी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'तुशील' मिल गया। कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के साथ शामिल हुए। आईएनएस तुशील भारत के पश्चिमी समुद्री बेड़े के ‘स्वॉर्ड आर्म’ का हिस्सा होगा और दुनिया में सबसे अधिक तकनीकी रूप से उन्नत फ्रिगेट में शुमार हो जाएगा। यह न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती समुद्री क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि भारत-रूस साझेदारी का प्रमाण भी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर मॉस्को गए हैं, जहां भारतीय राजदूत विनय कुमार और रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत किया। यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। वह अपने रूसी समकक्ष रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ 10 दिसंबर को रक्षा सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे। बैठक में भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और औद्योगिक साझेदारी सहित विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। वह भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे।

नौसेना के मुताबिक आईएनएस तुशील परियोजना के लिए मास्को स्थित भारतीय दूतावास के तत्वावधान में अक्टूबर, 2016 में जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसी परियोजना के छह जहाज पहले से ही भारतीय नौसेना की सेवा में हैं। इनमें से तलवार श्रेणी के तीन जहाज़ों का निर्माण सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में हुआ है, जबकि तीन अनुवर्ती टेग श्रेणी के जहाज कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में निर्मित हैं। आईएनएस तुशील इस शृंखला का सातवां जहाज है, जिसके लिए कलिनिनग्राद में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के विशेषज्ञों की एक भारतीय टीम ने जहाज के निर्माण की बारीकी से निगरानी की है।

यह युद्धपोत निर्माण के बाद इस साल जनवरी से शुरू हुए कई व्यापक परीक्षणों से गुज़रा है, जिसमें फ़ैक्टरी सी ट्रायल, स्टेट कमेटी ट्रायल और अंत में भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम के डिलीवरी स्वीकृति परीक्षण शामिल थे। इस दौरान जहाज पर लगे सभी रूसी उपकरणों का परीक्षण किया गया, जिसमें हथियार फायरिंग भी शामिल थी। परीक्षणों के दौरान जहाज ने 30 नॉटिकल से ज्यादा की गति दर्ज की। अब यह जहाज युद्ध के लिए तैयार स्थिति में भारत पहुंचेगा। भारतीय नौसेना अब बहु भूमिका वाले स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के चलते रूस से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए पुर्जों की आपूर्ति एक बड़ी समस्या बन गई है। रक्षा मंत्री की रूसी समकक्ष आंद्रेई बेलौसोव के साथ होने वाली वार्ता में कई अन्य महत्वपूर्ण हथियार प्लेटफार्मों के लिए पुर्जों की आपूर्ति को लेकर भी बातचीत होने की उम्मीद है। यूक्रेन से संघर्ष के चलते भारत को दो एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति में देरी का मुद्दा भी रक्षा मंत्री की तीन दिवसीय रूस यात्रा के दौरान उठेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2025 की शुरुआत में भारत की यात्रा पर आने वाले हैं, इसलिए दोनों पक्ष पहले चल रही सैन्य तकनीकी परियोजनाओं के साथ-साथ रणनीतिक हित के क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

   

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