16 जनवरी से होगा पारंपरिक जोनबील मेला 

मोरीगांव (असम), 09 दिसंबर (हि.स.)। मध्य असम के तिवा जनजातियों का तीन दिवसीय पारंपरिक जोनबील मेला 16, 17 और 18 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। इस मेले का प्रमुख तथ्य विनिमय प्रथा के तहत खरीददारी और बिक्री होती है। यानि सामान के बदले सामानों का आदान-प्रदान किया जाता है। खरीद-बिक्री की यह ऐतिहासिक प्रथा इस मेले में देखने को मिलती हैं।

इस मेले के आयोजन को लेकर जागीरोड में तिवा राज दरबार, जोनबिल मेला विकास समिति और गोभा देवराजा राज परिषद ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी दी। संवाददाता सम्मेलन में मेला समिति के अधिकारियों के साथ-साथ मध्य असम के कई पारंपरिक तिवा राजाओं ने भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि तिवा संस्कृति का केंद्र एवं पहाड़-समतल के विभिन्न जातीय समूहों के मिलन स्थल वाले इस मेले में कार्बी आंगलोंग जिले के चार दर्जन से अधिक गांवों के मामा मामी के साथ मेघालय प्रदेश के चार सौ से अधिक गांवों के पहाड़ी लोग भाग लेने आएंगे।

तिवा रॉयल कोर्ट के फैसले के अनुसार मेले के दूसरे दिन आयोजित होने वाले गोभा देवराजा रॉयल कोर्ट में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के साथ 22 तिवा राजा मौजूद रहेंगे। असम सरकार के दो मंत्री रोनोज पेगू और पीयूष हजारिका सम्मानित अतिथि होंगे। इस राज दरबार में एक बार का राजभात (कर) तिवा राजाओं को दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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