सर्दी जुकाम, बुखार देता है सबसे ज्यादा कष्ट : सतीश राय
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- Dec 05, 2024
रेकी सेंटर पर स्पर्श चिकित्सा कार्यक्रम सम्पन्न
प्रयागराज, 05 दिसम्बर (हि.स.)। इस समय ठंड का मौसम, धुंध और बढ़ते प्रदूषण ने हवा में जहर घोल दिया है। जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है। इस समय थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। सर्दियों का असर गले और छाती पर सबसे ज्यादा होता है। फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां बढ़ जाती हैं। फ्लू और सांस की बीमारियों के साथ सर्दी जुकाम, बुखार से लोग ज्यादा परेशान होते हैं।
यह बातें गुरूवार को एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान रेकी सेंटर पर आयोजित कार्यक्रम में जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही। उन्होंने कहा लोगों में सबसे ज्यादा होने वाली आम बीमारी है सर्दी जुकाम एवं बुखार। यह लोगों को सबसे ज्यादा कष्ट देता है।
--ठंड में बढ़ता है हड्डियों का दर्दसतीश राय ने कहा जिन लोगों के शरीर में पहले से हड्डियों में तकलीफ, कमर दर्द, गठिया या जोड़ो के दर्द की समस्या है तो ठंडक में इनकी तकलीफें बढ़ सकती है। ऐसे में चलने फिरने व्यायाम करने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर इन समस्याओं से बचा जा सकता है। बढ़ती उम्र में मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में अपने जीवन शैली में बदलाव करें, भोजन में पौष्टिक आहार लें, वसा युक्त भोजन से परहेज करें।
सतीश राय कहा कि मौसम बदलने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है। तभी ज्यादातर लोग बीमारियों से प्रभावित हो जाते हैं। वर्तमान में मच्छर जनित रोंग भी तेजी से फैल रहा है। इसमें तेज बुखार के साथ-साथ तेज सिर दर्द जोड़ों में दर्द कमजोरी चक्कर आना शामिल है।
--स्पर्श ध्यान करने से होगा विशेष लाभसतीश राय ने कहा सोने-जागने और खानपान सही न होने से मौसमी बीमारियों ने घर-घर में लोगों को परेशान कर रखा है। बुखार, गले और सीने में संक्रमण से सम्बंधित बीमारियां बढ़ गई हैं। यदि स्वस्थ रहना है तो अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव लाते हुए क्षारीय भोजन को अपनायें। मौसमी बीमारियों से बचाव में प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों को अपने जीवन में स्थान देना बेहतर विकल्प है। अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए स्पर्श चिकित्सा की विधि स्पर्श-ध्यान को करने से विशेष लाभ होगा।
--धूप चिकित्सा वातावरण को करता है स्वच्छसतीश राय ने कहा स्वस्थ रहने के अन्य उपायों को भी अपना सकते हैं। जैसे धूप चिकित्सा भी हवा में मौजूद बीमारियों के कीटाणुओं को नष्ट कर घर के वातावरण को स्वच्छ और शरीर को स्वस्थ करता है। इसे घर में भी बना सकते हैं इसके लिए आधा किलो गाय का गोबर, 100 ग्राम गुग्गुल, 100 ग्राम लोहबान, 100 ग्राम नीम की पत्ती का रस, 100 ग्राम चंदन का बुरादा सभी को मिलाकर सुखा लें। इसकी धूप को सुबह शाम जलाएं। यह घर के अंदर मौजूद सभी तरह के कीटाणुओं-विषाणुओं को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा भरता है। इस अवसर पर अलंकार त्रिपाठी, उषा, रश्मि, रिचा दुबे, मयंक आदि लोग मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र