सोनिया गांधी की प्राथमिकता में सदैव रही देश की एकता व अखंडता : कांग्रेस

कानपुर, 09 दिसम्बर (हि.स.)। यूपीए की सरकार बनने के दौरान सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बन सकती थी, लेकिन उन्होंने पद को त्याग दिया। उनकी प्राथमिकता में देश की एकता, अखंडता व भाईचारा सदैव रहा। उन्होंने गरीब मजलूमों की आवाज को बुलंद किया। उनकी देन थी कि देश में मनरेगा जैसी योजना जिससे श्रम करने वाले मजदूरों को आर्थिक ताकत मिली, रोजगार मिला और देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए सूचना का अधिकार जैसा कानून मिला। यह बातें सोमवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी के जन्म दिवस पर उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी ने कही।

शहर कांग्रेस कमेटी कानपुर नगर ने यूपीए की चेयरपर्सन व राज्य सभा सांसद सोनिया गांधी के 78वें जन्मदिवस पर लेनिन पार्क चौराहा, पी रोड पर सामाजिक सद्भावना दिवस के रुप में भव्य समारोह आयोजित कर केक काट कर उनके दीर्घायु होने की कामना की। यहां सभी कांग्रेस जनों ने एकत्र होकर उनकी लम्बी आयु की कामना की। संजीव दरियाबादी ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस देश को उन हालात से बाहर निकलने का काम किया जिस समय देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। सीमाएं सुरक्षित नहीं थी, पाकिस्तान से कारगिल युद्ध भारत लड़ रहा था। तत्पश्चात उनके संघर्ष के द्वारा ही कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी और उसके नेतृत्व के लिए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया। देश आर्थिक तंगी से बाहर आया और उन्होंने कभी भी सत्ता व पद के लिए एक लम्हा भी काम नहीं किया। उन्होंने पूर्ण कालिक कांग्रेस पार्टी और देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया। इस दौरान महानगर अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी, शंकर दत्त मिश्रा, दिलीप शुक्ला, लल्लन अवस्थी, हरीश गुप्ता, डॉ हलीम उल्ला खां, मुकेश बाल्मिकी, संजय शिखर, रमेश गुप्ता दऊवा, डॉ संतोष त्रिपाठी, संजय सोनकर, राज लक्ष्मी सिंह, आसिफ इकबाल, नागेंद्र यादव, कैलाश पाल, राज किशोर वर्मा आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

   

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