— नगर के हर कोने में भक्तों ने की गोवर्धन पर्वत के प्रतीक की पूजा
कानपुर, 02 नवम्बर (हि.स.)। दीपावली की परेवा तिथि को गोवर्धन पूजा नगर और उससे सटे ग्रामीण इलाकों के लगभग हर घर में बड़े ही धूमधाम से मनायी गयी। शनिवार को नगर और ग्रामीण अंचलों में गोवर्धन पूजा का दौर सुबह से शुरु हुआ जो दोपहर बाद तक जारी रहा। गोवर्धन पूजा के दिन सुबह-सुबह लोग घरों के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की एक बड़ी आकृति बनायी और उसके बाद भगवान कृष्ण की आराधना की। पूजा के बाद उन्हें अन्नकूट यानी नए अनाज से बने 56 या फिर 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया। गोवर्धन की पूजा का दिन खासतौर महिलाओं के लिए बहुत विशेष होता है।
दीपावली के बाद शनिवार को घर घर गोवर्धन पूजा की गई, जिसमें महिलाओं ने गोबर का पर्वत बनाया और उसकी पूजा अर्चना की। महिलाओं ने गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर फल, फूल, धूप से पूजन अर्चन किया। शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह से ही गोवर्धन पूजन की तैयारियां शुरू कर दी गई थी। पूजन में प्रभु को तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया गया। इस पूजन में श्रद्धालु विभिन्न प्रकार की मिठाइयों और पकवानों से भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन बनने वाले अन्नकूट में कई सब्जिय़ों कढ़ी-चावल, पूड़ी आदि मिलाकर अन्नकूट बनाया जाता है। पूजन के बाद गाय पालन का संकल्प लाभकारी होता है।
आचार्य रामऔतार पाण्डेय ने बताया कि सनातन धर्म के लोगों के लिए गोवर्धन पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। क्योंकि इसमें गाय माता की पूजा हाेती है। साथ ही कई अन्य जगहों पर यह पूजा परिवार की सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और लम्बी उम्र की कामना के लिए भी की जाती है। पूजन में कान्हा के समक्ष अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्रद्धालु प्रभु से विनती करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह