राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री को किया नमन

-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं: राज्यपाल

-जय जवान-जय किसान के उद्घोष ने पूरे राष्ट्र में ऊर्जा व उत्साह का संचार किया था

देहरादून, 1 अक्टूबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती की पूर्व संध्या पर दाेनाें महापुरुषाें काे याद किया और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।

राज्यपाल सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। गांधी के विचारों ने भारतवर्ष ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व को मार्ग दिखाया है। गांधी की ओर से विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व करते हुए हमारे लिए स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।

राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए कहा कि शास्त्री की सादगी, सरलता, देशभक्ति और ईमानदारी से भरा जीवन-आचरण हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। उनके ‘जय जवान-जय किसान’ के उद्घोष ने पूरे देश में ऊर्जा व उत्साह का संचार किया था।

गांधी जयंती हमें उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेने का अवसर है: मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा कि महात्मा गांधी का जीवन और दर्शन हमें सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने अंग्रेजी शासन से देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता और समानता के लिए संघर्ष किया। शिक्षा और सामाजिक सुधार के महत्व पर उन्होंने बल दिया।गांधी जयंती हमें उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है।

‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को मजबूती से खड़े होने का रास्ता दिखाया:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को स्वाभिमान और एकजुटता के साथ मजबूती से खड़े होने का रास्ता दिखाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री भारत माता के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। शास्त्री जी ने सार्वजनिक जीवन में सादगी, सत्यनिष्ठा, लगन, नैतिकता व राष्ट्र के प्रति समर्पण की अदभुत मिसाल कायम की। उनकी ईमानदारी और उच्च आदर्शों की प्रतिष्ठा हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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