हमारा असली सामर्थ्य हमारे गाँवों की मिट्टी में निहित है: कपड़ा मंत्री

राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह

नई दिल्ली, 08 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि हमारा असली सामर्थ्य हमारे गाँवों की मिट्टी में निहित है, जिसे कारीगरों के हुनर और पुरातन कला की विरासत ने संजोया है।

गिरिराज सिंह ने यह बात आज से शुरू हुए​राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह के शुभारंभ पर कही। ​इस विशेष सप्ताह का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, ​कला का संरक्षण करना, ​महिला शक्ति का सम्मान देना, भारत की समृद्ध हस्तकला विरासत को सम्मान देना और उसे बढ़ावा देना है। ​

उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, यह सप्ताह भारतीय कारीगरों के अद्वितीय कौशल, सदियों पुरानी परम्पराओं और देश की सांस्कृतिक पहचान का उत्सव मनाने के लिए समर्पित है। सभी नागरिक इस सप्ताह को हैंडमेड भारत के रूप में मनाएं और कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को अपने जीवन, घरों की सजावट तथा आगामी उत्सवों में प्राथमिकता दें।

मंत्री ने कहा, हमारे कारीगर, विशेष रूप से महिला कारीगर और ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी रचनात्मकता सदियों से भारत की कला और संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। हस्तशिल्प केवल वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि ये हजारों वर्षों की कला, कठोर श्रम, और अटूट विश्वास की कहानी बयां करते हैं।

उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि वे केवल दर्शक न बनें, बल्कि सक्रिय भागीदार बनें। आइए, हम सब मिलकर इस राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह को सफल बनाएं। कारीगरों से खरीदें, उनकी मेहनत और कला की सराहना करें, और मिलकर इस अद्भुत भारतीय विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

उल्लेखनीय है कि यह पहल केंद्र सरकार के 'लोकल फॉर वोकल' मिशन को भी मजबूती प्रदान करती है। हस्तशिल्प उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो लाखों लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण और हाशिए पर रहने वाले समुदायों, को आजीविका प्रदान करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी

   

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