पालघर में जंगली सूअर के शिकार के दौरान गोली चलने से 2 लोगों की मौत, छह गिरफ्तार

मुंबई, 05 फरवरी (हि.स.)। पालघर जिले के बोरशेती जंगल में जंगली सूअर का शिकार करते समय गलती से गोली चलने से दो लोगों की मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पुलिस को मंगलवार को मिलने के बाद मनोर पुलिस स्टेशन की टीम ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की छानबीन जारी है।

पालघर जिला पुलिस आयुक्तालय के उप विभागीय पुलिस अधिकारी अभिजीत धाराशिवकर ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 28 जनवरी की रात को बोरशेती जंगल में किरात, राओटे और अकोली गांवों के 10-15 लोग जंगली सूअर का शिकार करने गए थे। शिकारियों को पता था कि जंगली सूअर और धारीदार बाघ जंगल में स्थित झील में पानी पीने आते हैं इसलिए यह लोग आस-पास छिप गए। कुछ लोग पहाड़ पर और कुछ पेड़ों पर छिप गए। उस दिन अमावस्या की रात थी, इसलिए जंगल में घना अंधेरा था। इसी समय कुछ शिकारी जंगल में देर से पहुंचे। उन्होंने अपने मोबाइल फोन की टॉर्च या बैटरी चालू किए बिना, शांतिपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की। इसी दौरान अंधेरे में हलचल होने पर एक शिकारी ने गोली चला दी। शिकारी की एक गोली सीधे 60 वर्षीय रमेश जन्या वार्था की छाती में लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरी गोली महालोदा नामक एक अन्य शिकारी के पैर में लगी। इस घटना को छिपाने के इरादे से शिकारियों ने रमेश वार्था के शव को जंगल में दफना दिया, जबकि घायल महालोदा को उसके घर लाया गया। इसके बाद गोपनीयता बनाए रखने के लिए उसे किसी अस्पताल नहीं ले जाया गया। इससे 31 जनवरी को उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार भी गुप्त तरीके से कर दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने जंगल में दफनाए गए रमेश वार्था के शव को बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने छह शिकारियों को गिरफ्तार किया और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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