नई दिल्ली, 1 नवंबर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ दीवाली का त्योहार मनाया गया और इस अवसर पर घरों को रंग-बिरंगी रोशनी दीयों से सजाया गया। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि इस बार भी पटाखों पर बैन होने के बावजूद लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। यही वजह रही कि दिल्ली दमकल विभाग को गुरुवार की रात तक 318 से ज्यादा काल मिलीं, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक हैं। 318 में से आग की घटनाओं के संबंध में 280 कॉल थीं। दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि पिछले 12 वर्षों में इस बार सर्वाधिक कॉल प्राप्त हुई हैं। अधिकांश काल 31 अक्टूबर को शाम 5 बजे से 1 नवंबर को सुबह 5 बजे के बीच प्राप्त हुईं। गर्ग ने कहा कि हम सभी अग्निशमन इकाइयों और अधिकारियों की तैनाती के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार थे। हमने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं और पूरे शहर में हर किसी की मदद के लिए तैयार थे। उन्होंने बताया कि शाम 4 बजे से रात 9 बजे के बीच आग की घटनाओं के बारे में कम से कम 78 काल मिलीं।
इसके बाद शाम 6 बजे से रात 11.59 बजे तक विभाग को एक के बाद एक 176 आग से संबंधित काल मिलीं और रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक 144 काल मिलीं। पिछले साल इसी समय के दौरान हमें 195 आग से संबंधित काल्स मिली थीं। इस दौरान एक जगह बस में आग लगने से दो लोगों के झुलसने के अलावा कहीं से भी कोई बड़ी घटना की खबर नहीं आई। द्वारका के छावला इलाके में शाम लगभग साढ़े छह बजे एक बस में रखे पटाखों में आग लग जाने से बस में सवार दो लोग झुलस गए। अधिकारी ने बताया कि दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन आग की कॉल में 12 लोग मामूली रूप से घायल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी