
चंडीगढ़, 12 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 अप्रैल (सोमवार) को हरियाणा आ रहे हैं। वह यमुनानगर और हिसार में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं न केवल हरियाणा के आधारभूत ढांचे को नई ताकत देंगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार की नई राहें भी प्रशस्त करेंगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रधानमंत्री यमुनानगर में हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की 800 मेगावाट की आधुनिक थर्मल पावर यूनिट का शिलान्यास करेंगे। 233 एकड़ की विशाल भूमि पर बनने वाली इस तीसरी इकाई पर 8,469 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 52 माह की समय-सीमा में यह परियोजना पूरी होगी और मार्च 2029 तक इसका व्यावसायिक संचालन शुरू होकर हरियाणा को ऊर्जा की रोशनी से आलोकित करेगा। यह इकाई हरियाणा को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी और उद्योगों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इसी क्रम में यमुनानगर-जगाधरी नगर निगम क्षेत्र के मुकरबपुर में 90 करोड़ की लागत से बीपीसीएल के सहयोग से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की आधारशिला रखी जा रही है। वर्ष 2027 तक पूर्ण होने वाली इस परियोजना की वार्षिक उत्पादन क्षमता 2,600 मीट्रिक टन होगी। यह प्लांट न केवल जैविक कचरे के प्रबंधन में सहायक होगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा हिसार से हवाई सेवाओं का शुभारंभ करेंगे। इस ऐतिहासिक पल में वे अयोध्या के लिए पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाएंगे। हिसार से अयोध्या के लिए सप्ताह में 2 उड़ानें, हिसार-जम्मू, हिसार-अहमदाबाद, हिसार-जयपुर और हिसार-चंडीगढ़ के लिए सप्ताह में 3-3 उड़ानें देश और हरियाणा के उड्डयन के क्षेत्र में नया इतिहास रचेंगी। इसी दिन हिसार हवाई अड्डे के दूसरे चरण का शिलान्यास होगा, जिस पर 413 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह चरण 17 अप्रैल, 2027 तक पूरा होकर 37,790 वर्ग मीटर का भव्य पैसेंजर टर्मिनल, 2,235 वर्ग मीटर का कारगो टर्मिनल और एयर ट्रैफिक कंट्रोल भवन हरियाणा को गौरव प्रदान करेगा। यह हवाई अड्डा हिसार को कनेक्टिविटी का नया सितारा बनाएगा और व्यापार की नई ऊंचाइयों को छूने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सर्वांगीण विकास और आधुनिक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु उठाए जा रहे ठोस कदमों की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में रेवाड़ी बाईपास परियोजना का सफल क्रियान्वयन संपन्न हुआ है। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर 1069.42 करोड़ की लागत से निर्मित यह 14.4 किलोमीटर लंबा बाईपास अब वाणिज्यिक संचालन के लिए पूर्ण रूप से खोल दिया गया है। यह बाइपास न केवल रेवाड़ी शहर के यातायात भार को कम करेगा, बल्कि दिल्ली से नारनौल की यात्रा को एक घंटे तक कम कर, प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को नई गति प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में देश का आधारभूत ढांचा तीव्र गति से सशक्त हो रहा है, और यह परियोजना उसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा