पुंछ परिसर में रेशम उत्पादन तकनीक में प्रगति पर दो दिवसीय संगोष्ठी शुरू हुई

पुंछ 4 फरवरी (हि.स.)। पुंछ परिसर में रेशम उत्पादन तकनीक में प्रगति पर दो दिवसीय संगोष्ठी मंगलवार को शुरू हुई। कार्यशाला का आयोजन जम्मू विश्वविद्यालय के पुंछ परिसर के रेशम उत्पादन पीजी विभाग द्वारा रेशम उत्पादन में प्री.कोकून और पोस्ट.कोकून तकनीक में हालिया रुझान और प्रगति विषय पर किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों को रेशम उत्पादन प्रथाओं में हालिया प्रगति और नवाचारों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

संगोष्ठी का उद्घाटन पुंछ परिसर के निदेशक प्रो. राकेश वैद ने वर्चुअल मोड के माध्यम से किया। अपने उद्घाटन संदेश में प्रो. वैद ने रेशम उत्पादन उद्योग में क्रांति लाने में प्री.कोकून और पोस्ट.कोकून तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों और शोधकर्ताओं को समकालीन ज्ञान और कौशल से लैस करने में संगोष्ठी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सीखने और सहयोग को बढ़ावा देने वाले ऐसे प्रभावशाली कार्यक्रम के आयोजन के लिए रेशम उत्पादन पीजी विभाग के प्रयासों की भी सराहना की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सीएसटीआरआई, मीरान साहिब, जम्मू के वैज्ञानिक.डी डॉ. एन.एस. गहलोत थे। विषय पर विस्तृत भाषण देते हुए डॉ. गहलोत ने कोकून के बाद रेशम उत्पादन में नवीनतम नवाचारों और उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए उनके अनुप्रयोग के बारे में बताया। उन्होंने कोकून से पहले और कोकून के बाद की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में आधुनिक तकनीकों की भूमिका के बारे में भी जानकारी साझा कीए जिससे किसानों और हितधारकों के लिए उच्च आर्थिक लाभ सुनिश्चित हो सके। डॉण् आरती शर्मा सहायक प्रोफेसर, एसकेसी.जीडीसीए पुंछ ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने रेशम उत्पादन में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए उन्नत वैज्ञानिक तरीकों के साथ पारंपरिक प्रथाओं के एकीकरण के बारे में बात की और क्षेत्र में छात्रों के लिए कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश डाला। इससे पहलेए डॉ. रुबिया बुखारी, प्रभारी, पीजी रेशम उत्पादन विभाग ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और संगोष्ठी का अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने दो दिवसीय कार्यशाला के उद्देश्यों और दायरे को रेखांकित किया जो रेशम उत्पादन में नवीनतम रुझानों और प्रौद्योगिकियों के साथ छात्रों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। पुंछ परिसर के सेरीकल्चर पीजी विभाग की लेक्चरर डॉण् पलवी शर्मा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सेमिनार की सफलता में योगदान देने वाले प्रख्यात वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के पहले दिन सेरीकल्चर विभाग के छात्रों के साथ.साथ परिसर के शिक्षण और गैर.शिक्षण कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

   

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