भगवंत मान को पसंद नहीं था मैं विवि का चांसलर रहूं: बनवारी लाल पुरोहित

नशा खत्म करने वाले गांव को गर्वनर फंड से तीन लाख की ग्रांट देने का ऐलान

चंडीगढ़, 26 जुलाई (हि.स.)। पंजाब में विश्वविद्यालयों के चांसलर व वाइस चांसलर को लेकर चल रही खींचतान के बीच राज्यपाल बनवारी लाल पुराेहित ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को उनका चासंलर बनना पसंद नहीं था, जिस कारण उन्होंने इस्तीफा दिया था। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन सभी का है। यहां प्रत्येक राजनीतिक दल का व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आता है। पंजाब के जो काम नहीं हुए वो काम करवाना मेरी जिम्मेदारी है।

राज्यपाल पंजाब के सीमावर्ती जिलों का दौरा पूरा करने के बाद शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों का चांसलर हूं। यह सीएम साहिब को पसंद नहीं आया, क्योंकि मैं किसी की रिकमेंडेशन पर काम नहीं करता था। पुरोहित ने कहा कि पंजाब की 10 यूनिवर्सिटी ऐसी हैं, जहां रेगुलर वाइस चांसलर नहीं है। यूजीसी की गाइडलाइन्स हैं कि यूनिवर्सिटी में अगर वाइस चांसलर नियुक्त करना है तो सर्च कमेटी बनाई जाए। मैं मैरिट पर चलता हूं। सारा प्रोसेस पूरा होने के बाद इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था, उसमें से सलेक्शन होती थी। सरकार इस प्रक्रिया को बदलना चाहती थी लेकिन राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति नहीं दी।

पुरोहित ने कहा कि पंजाब के जिस गांव में नशा खत्म होगा, उसे हम तीन लाख रुपये देंगे। यह पैसा गवर्नर फंड से दिया जाएगा। मैं जब बॉर्डर एरिया में जाता हूं तो मीटिंग करता हूं और गांव के लोगों से मिलता हूं। मैं एक गांव में गया, वहां पर कई महिलाएं नशे की बिक्री की शिकायत लेकर आईं। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और जिलों के पुलिस अधिकारियों को नशे लेकर सख्त आदेश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि गांव के बीडीसी मेंबरों को बुलाकर खाना खिलाओ और उनके साथ उनके गांव की स्थिति पर बातचीत करो।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा / सुनील कुमार सक्सैना

   

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