ठाणे के ग्रामों में जल स्त्रोत बचाने जिला परिषद का प्रशिक्षण कार्यक्रम

मुंबई, 1 दिसंबर (हि. स.) । ठाणे जिला में ग्रामीण इलाकों में पानी सप्लाई सिस्टम की सस्टेनेबिलिटी, पानी के सोर्स की सुरक्षा और असरदार पानी मैनेजमेंट के मकसद को पाने के लिए, ज़िला परिषद, ठाणे ने आज से जल जीवन मिशन (JJM) के तहत ग्राम पंचायत लेवल पर एक बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

ठाणे ज़िले की 431 ग्राम पंचायतों में से हर एक से 5 रिप्रेजेंटेटिव इस ट्रेनिंग में हिस्सा ले रहे हैं। इस तरह, कुल 2,155 ट्रेनी हैं। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम 1 दिसंबर 2025 से 30 दिसंबर 2025 तक कुल 35 बैच में चलाया जा रहा है।

पानी के सोर्स की सुरक्षा और सस्टेनेबिलिटी पाने के लिए असरदार वॉटर मैनेजमेंट एक मिलकर किया गया काम है। इसके लिए, हर ग्राम पंचायत में काम करने वाली विलेज वॉटर सप्लाई एंड सैनिटेशन कमेटी (VWSC) के मेंबर की इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी बढ़ाना ज़रूरी है। इस ट्रेनिंग के ज़रिए, कमेटी मेंबर को वॉटर सप्लाई स्कीम की प्लानिंग, इम्प्लीमेंटेशन, मेंटेनेंस, सोर्स को मज़बूत करने, पानी की क्वालिटी की देखभाल और लंबे समय तक सस्टेनेबिलिटी के बारे में गाइड किया जा रहा है।

यह ट्रेनिंग प्रोग्राम मेन रिसोर्स सेंटर, हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट, देहरादून (उत्तराखंड) के ज़रिए चलाया जा रहा है। यह ट्रेनिंग स्टेट लेवल पर इस जाने-माने इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट ट्रेनर की गाइडेंस में चलाई जा रही है और पूरा प्रोग्राम ज़िला परिषद, ठाणे के साथ कोऑर्डिनेशन में लागू किया जा रहा है।

ट्रेनिंग क्लस्टर लेवल पर ऑर्गनाइज़ की जाती है, ताकि हर एरिया की ग्राम पंचायतों को पास की जगह पर ट्रेनिंग मिल सके। भारत सरकार का 2019 में शुरू किया गया जल जीवन मिशन (JJM) ग्रामीण भारत के पानी सप्लाई सेक्टर में एक क्रांतिकारी कैंपेन है। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों में हर घर को इंडिविजुअल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) के ज़रिए सुरक्षित और काफ़ी पीने का पानी देना है।

JJM एक कम्युनिटी द्वारा चलाया जाने वाला कैंपेन है, और गांव के पानी सप्लाई मैनेजमेंट में ग्रामीण कमेटियों की भागीदारी को ज़रूरी माना जाता है।

जल जीवन मिशन के तहत लेवल 3 (L3) ट्रेनिंग के फेज़-4 में, ग्राम पंचायत लेवल के 5 रिप्रेजेंटेटिव के एक ग्रुप को खास तौर पर “सोर्स स्ट्रेंथनिंग एंड सस्टेनेबिलिटी” टॉपिक पर ट्रेनिंग दी जा रही है।

इस ट्रेनिंग से ग्राम पंचायत लेवल पर काम करने वाले VWSC मेंबर्स की कैपेसिटी बढ़ेगी, पानी के रिसोर्स की सेफ्टी, कंजर्वेशन और सस्टेनेबिलिटी पक्की होगी, गांव की वॉटर सप्लाई स्कीम का लॉन्ग-टर्म मैनेजमेंट असरदार होगा, गांव लेवल पर वॉटर मैनेजमेंट में सेल्फ-सफिशिएंसी बढ़ेगी, वॉटर रिसोर्स कंजर्वेशन, पानी की सही प्लानिंग और इस्तेमाल, वाटरशेड डेवलपमेंट वगैरह के बारे में प्रैक्टिकल स्किल्स मिलेंगी।

जिला परिषद, ठाणे ने यकीन जताया है कि यह ट्रेनिंग जल जीवन मिशन के मकसद को असरदार तरीके से लागू करने में ज़रूर मदद करेगी और ग्रामीण इलाकों में वॉटर सप्लाई सिस्टम की सस्टेनेबिलिटी, सेफ्टी और क्वालिटी को मजबूत करेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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