महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा अनिवार्य करने पर राज ठाकरे नाराज, केंद्र सरकार को चेतावनी
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- Apr 17, 2025

मुंबई, 17 अप्रैल (हि.स.)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य के स्कूलों में हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस फैसले को लागू नहीं होने देंगे।
राज ठाकरे ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि राज्य स्कूल पाठ्यक्रम योजना 2024 के अनुसार महाराष्ट्र में पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार के 'हिंदी' के मौजूदा प्रयासों को इस राज्य में सफल नहीं होने देंगे। हिंदी एक राष्ट्रीय भाषा नहीं है। यह देश की अन्य भाषाओं की तरह एक राज्य की भाषा है। इसे पहली कक्षा से महाराष्ट्र में क्यों पढ़ाया जाना चाहिए? आपका जो भी त्रिभाषी फॉर्मूला है, उसे सरकारी मामलों तक सीमित रखें, इसे शिक्षा में न लाएं। इस देश में भाषाई क्षेत्रीयकरण किया गया था और यह इतने सालों तक चला।
राज ठाकरे ने कहा कि हर भाषा सुंदर होती है और उसके निर्माण के पीछे एक लंबा इतिहास और परंपरा होती है। जिस राज्य की वह भाषा है, वहां उसका सम्मान बनाए रखा जाना चाहिए। जैसे महाराष्ट्र में मराठी का अन्य भाषियों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए, वैसे ही अन्य राज्यों में भी उस भाषा के सभी भाषियों का सम्मान किया जाना चाहिए। हमारा आग्रह है कि अन्य राज्यों में रहने वाले मराठी लोगों को भी उस राज्य की भाषा को अपनी भाषा मानना चाहिए। अगर आप इस देश की भाषाई परंपरा को नष्ट करने जा रहे हैं, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव