सैनिक और साधक एक समान : रक्षामंत्री राजनाथ

ब्रह्माकुमारीज़ और सेना के बीच हुआ एमओयूकार्यक्रम में मौजूद सेना के अधिकारी- जवान और आमजन।

आज भारत बोलता है तो दुनिया कान खोलकर सुनती है : राजनाथ सिंह

सिराेही, 21 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आबूराेड स्थित मुख्यालय शांतिवन में सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा शुरू किए जा रहे देशव्यापी स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण (सेल्फ एम्पॉवरमेंट) कैंपेन का दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया। साथ ही पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। इसमें देशभर से 400 सेना के अधिकारी और जवानों ने भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ ने अपने संबोधन में योग से लेकर अध्यात्म, सेना, भारतीय अर्थव्यवस्था और सेल्फ एम्पॉवरमेंट पर बात की। उन्होंने कहा कि मैं एक योगी और सैनिक में खास अंतर नहीं देखता हूं। साधक के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य और ध्येय मानवता की सेवा करना ही होता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिक और साधक दोनों एक सुरक्षित, बेहतर और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए कार्य करते हैं। एक सच्चे सैनिक के अंदर एक साधक और एक साधक के अंदर एक सैनिक जरूर विद्यमान रहता है। सैनिक जो सीमा पर हमारी सुरक्षा कर रहे हैं वह योग साधना का ही एक रूप है। राष्ट्र की रक्षा केवल शस्त्र से नहीं होती है, यह होती है चेतना से, चरित्र से और चैतन्यता से। इसके लिए आध्यात्मिकता और योग सबसे बड़ा साधन है। यह अभियान महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि हम अपने सैनिकों को केवल शस्त्रधारी नहीं बल्कि शास्त्रधारी भी बना सकें। हम केवल उन्हें लड़ाई के लिए नहीं बल्कि आत्म बल के लिए भी तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि आज एआई का दौर चल रहा है। हमें देश-दुनिया की पल-पल की खबरें पता चल रही हैं लेकिन हमें यह पता नहीं चल रहा है कि हमारे भीतर क्या चल रहा है। हम पूरी दुनिया की खबर रखते हैं लेकिन अपनी खबर नहीं रखते हैं। हमारे सैनिक भी पूरी दुनिया की चीजें देखते हैं लेकिन अपने अंदर नहीं झांकते हैं। हम बाहरी दुनिया से तो जुड़ जाते हैं लेकिन अपने आप से नहीं जुड़ पाते हैं।

रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि वर्षों पहले दुनिया के देशों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यदि कोई जाकर बोलता था तो भारत की बातों को उतनी गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जाता था। आज भारत का कद और सिर इतना ऊंचा हो गया है कि भारत जब बोलता है तो पूरी दुनिया कान लगाकर सुनती है। जो भारत 2014 के पहले 11वें स्थान पर था, वह धन-दौलत, इकोनॉमी के मामले में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। अब भारत को कोई रोक नहीं सकता है।

संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि सेना का त्याग और अनुशासन का जीवन होता है। आप सभी की बदौलत हम सुरक्षित रहते हैं। हर एक व्यक्ति के अंदर एक दिव्य ज्योति है। जब हम उसे पहचान लेते हैं तो आत्मा में दिव्य शक्तियां आ जाती हैं। राजयोग से मनोविकार दूर हो जाते हैं और मन शक्तिशाली बन जाता है। राजयोग का अभ्यास धर्म की सीमाओं से परे है। इससे हमारी निर्णय शक्ति बढ़ती है।

रक्षा मंत्री की मौजूदगी में ब्रह्माकुमारीज के सुरक्षा सेवा प्रभाग और भारतीय सेना के बीच एक एमओयू साइन किया गया। इसके तहत सुरक्षा सेवा प्रभाग सेना के देशभर के सेवानिवृत्त अधिकारी और जवानों के लिए हर माह सेल्फ एम्पॉवरमेंट प्रोग्राम चलाएगा। एमओयू के तहत ब्रह्माकुमारीज के राजयोग एक्सपर्ट सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी और जवानों को राजयोग मेडिटेशन, माइंड मैनेजमेंट, स्ट्रेस मैनेजमेंट, टाइम मैनेजमेंट, स्लीप मैनेजमेंट, लाइफ मैनेजमेंट, सेल्फ मैनेजमेंट की कला सिखाई जाएगी। इसमें खासकर सेवानिवृत्त जवानों को हर माह मोटिवेशनल क्लासेस के माध्यम से मानसिक, भावनात्मक स्तर पर मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वह मनोबल, प्रसन्नता और स्वस्थ रहकर जीवनयापन कर सकें।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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