अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का शानदार समापन, कवियों-साहित्यकारों ने सजाए शाम, जमाए रंग 

- पद्मश्री संतोष यादव को अपने बीच पाकर प्रफुल्लित हुए कवि और साहित्यकार

- साहित्यकारों और कवियों से भारतीय संस्कृति-सभ्यता के उत्थान का किया आह्वान

हरिद्वार, 05 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय के बैनर तले दो दिवसीय शिवायन अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का बुधवार को रंगारंग आगाज हुआ था। इस महोत्सव के अंतिम दिन पद्मश्री से सम्मानित पर्वतारोही संतोष यादव का आगमन हुआ, जिन्हें अपने बीच पाकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से आए साहित्यकार और कवि प्रफुल्लित हो गए।

संतोष यादव ने जहां इस आयोजन के लिए महादेव की नगरी हरिद्वार को चुनने के लिए आयोजकों को बधाई दी। वहीं उन्होंने भारतीय संस्कृति सभ्यता के उत्थान के प्रति साहित्यकारों को प्रेरित करते हुए कार्य करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता, हमारा रहन-सहन और भोजन तीनों में विकृति आ गई है, इसलिए हमें इस वक्त इन सब में सुधार करने की नितांत आवश्यकता है। कवि और साहित्यकार इस कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।

कार्यक्रम में शाकम्भरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हृदय शंकर सिंह, पार्षद अनिल मिश्रा के अलावा साहित्योदय की उत्तराखंड इकाई की अध्यक्ष शोभा पाराशर, संरक्षक इंदू अग्रवाल, निशा अतुल्य, अर्चना झा, सुनील पाराशर, राकेश रमण, मीरा भारद्वाज, अजय अंजाम, बेबाक जौनपुरी, वीणा शर्मा सागर, सुनील साहिल आदि ने पद्मश्री संतोष यादव का अपने बीच पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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