फरीदाबाद, 3 नवंबर (हि.स.)। फरीदाबाद में 4 महीने से जेल में बंद कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 36 वर्षीय प्रमोद 20 जुलाई को जिला जेल में बंद हुआ था। लड़ाई झगड़े के मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मृतक आरोपी असावटी गांव का रहने वाला है। उसने रविवार सुबह 5 बजे बैरक नंबर 20 में फांसी लगाई। जेल प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल बॉडी को भेज दिया है। मृतक आरोपी के परिजनों को भी सूचित किया जा चुका है।
मृतक आरोपी का नाम प्रमोद कुमार है, जो राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला था। वह यहां पृथला विधानसभा क्षेत्र के असावटी गांव में अपने परिवार के साथ रहता था। 18 जुलाई को असावटी गांव में कुछ लोगों ने चोरी के शक में एक युवक की पिटाई कर दी थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। नामजद सहित इस मामले में करीब 8 से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें मृतक आरोपी प्रमोद का भी नाम शामिल था। मृतक आरोपी के भाई रामविनोद ने बताया की प्रमोद को झूठे केस में फंसा कर जेल भेजा गया वो इस मारपीट के मामले में नहीं था। उसे तो उसे दिन कुछ लोगों ने फोन करके बुलाया कि एक चोर को पड़ा है। लेकिन उससे पहले ही चोर मर चुका था। चोर को किसने मारा उसे तो पता भी नही था कुछ लोगों ने प्रमोद का नाम बेवजह डाल दिया और पुलिस ने बाकी लोगों के साथ इसे भी गिरफ्तार कर लिया था। प्रमोद बेकसूर है यह बात सभी से कहता रहता था। प्रमोद तुगलकाबाद में रेलवे में नौकरी करता था। आज सुबह पुलिस की तरफ से फोन आया कि प्रमोद ने जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सभी जल्दी आ जाएं पुलिस की सूचना के बाद ही सभी लोग यहां पर पहुंचे तो देखा कि प्रमोद ने फांसी लगाई हुई थी। प्रमोद के चार बच्चे हैं और असावटी में अपने खुद के घर में रहता था। प्रमोद के परिजनों ने कहा कि प्रमोद इस तरह की हरकत नहीं कर सकता है। वो फांसी नहीं लग सकता जरूर जेल के अंदर ही कुछ हुआ है जिसकी जांच होनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर