राष्ट्र स्वामी विवेकानंद जैसी विभूति का सदैव ऋणी रहेगा देश: पवन कुमार जैन

मुरादाबाद, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद जयंती एवं युवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं बाबू मुकुट बिहारी लाल जैन सेवा न्यास द्वारा अपनी संस्कृति को जानो के तहत रविवार को केसी वेंकट हॉल कांठ में एक प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं से अपनी संस्कृति के विषय भारतीय उत्सवों, भारतीय वैज्ञानिकों एवं अपनी गौरवशाली इतिहास जैसे विषयों पर प्रश्न पूछे गए। सही उत्तर बताने वाले युवाओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में लगभग 100 युवाओं ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बाबू मुकुट बिहारी लाल जैन सेवा न्यास के अध्यक्ष पवन कुमार जैन ने कहा कि 11 सितंबर 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया। स्वामी विवेकानंद जी ने वेदों की माध्यम से विश्व को अपनी संस्कृति का परिचय दिया। पवन जैन ने आगे सुनाया अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम। इस श्लोक का अर्थ है कि छोटे मस्तिष्क वाले लोग अपने और पराये को अलग-अलग समझते हैं। वे अपने और दूसरों के बीच में भेदभाव करते हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी पंकज सिंह, कृष्ण गोपाल, मीत कुमार, धर्मपाल सिंह, महेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

   

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