हर्ष पोद्दार ने देश का पहला 'AI मॉनिटर्ड जिला' बनाया:2013 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IPS हैं, COVID पुलिसिंग का मॉडल बनाया; जानें प्रोफाइल

देश को पहला 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉनिटर्ड डिस्ट्रिक्ट' मिल गया है। ये जिला है महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग। इसे AI मॉनिटर्ड बनाने का श्रेय जाता है 2013 बैच के IPS ऑफिसर हर्ष ए. पोद्दार को, जो अभी नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक (SP) हैं। पोद्दार ने 'MARVEL' नाम का AI सिस्टम डेवलप किया है। यह भीड़ में हथियार पहचानने, लोगों की संख्या गिनने और खतरे का अंदाजा लगाने जैसे काम खुद कर लेता है। इससे पुलिस को किसी आतंकी हमले, भगदड़ या बड़े हादसे से पहले ही स्थिति समझने और तैयारी करने में मदद मिलती है। MARVEL की बदौलत ही महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले को देश के पहले 'AI डिस्ट्रिक्ट' के तौर पर पहचाना जा सका है। स्कॉलरशिप से ऑक्सफोर्ड में एडमिशन मिला हर्ष ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता से लॉ किया। इसके बाद उन्हें यूनाइटेड किंगडम गवर्नमेंट की तरफ से दी जाने वाली शेवनिंग (Chevening) स्कॉलरशिप मिली। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल ऐंड कॉन्स्टीट्यूशनल लॉ में मास्टर्स (LLM) किया। इसके बाद हर्ष ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हार्वर्ड केनेडी स्कूल से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया। ब्रिटेन से वकालत छोड़कर भारत आए इसके बाद हर्ष को ब्रिटेन की मल्टीनेशनल लॉ फर्म क्लिफोर्ड कंपनी में कॉर्पोरेट वकील के तौर पर नौकरी मिली। उन्होंने लगभग 2 सालों तक भी की लेकिन उस नौकरी में उन्हें मजा नहीं आ रहा था। इसलिए साल 2011 में वो वापस भारत लौट आए। उनका सपना था जमीन से जुड़कर समाज में बदलाव लाना। ऐसे में उन्होंने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी UPSC सिविल सर्विस को चुना। उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की। उनका पहली बार में सिलेक्शन हुआ, लेकिन इंडियन रेवेन्यूज सर्विस यानी IRS मिली। 2013 बैच के IPS ऑफिसर बने फिर हर्ष ने साल 2013 में फिर से यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा दी और इस बार उन्हें 361वीं रैंक हासिल हुई। उन्हें इंडियन पुलिस सर्विस यानी IPS मिला। इसके अलावा, उन्हें महाराष्ट्र कैडर में नौकरी करने का मौका मिला। पुलिस एकेडमी में दिव्यांगों के लिए प्रोजेक्ट डिजाइन किए जब वो IPS की ट्रेनिंग के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में थे तो वहां उन्होंने नेत्रहीन बच्चों के लिए एक प्रॉजेक्ट वर्कशॉप की थी। यह प्रोजेक्ट अपने आप में खास था क्योंकि इसमें बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप में बांट दिया गया और फिर उनसे कहा गया कि अगर दिव्यांगों के लिए कानून बनाना पड़े तो वे किन बातों को उसमें शामिल करेंगे। उन्होंने देखा कि बच्चों के भीतर उस विषय की कितनी गहरी समझ है जिसके बारे में उन्हें रोज मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने यही तरीका महाराष्ट्र आकर अपनाया। पोस्टिंग के कुछ ही दिनों बाद ही राज्य के DGP ने पुलिसकर्मियों से अपराध में कमी लाने और युवाओं को सुधारने के लिए नए आइडियाज मांगे तो उनके मन में यही आइडिया आया। महाराष्ट्र पुलिस यूथ पार्लियामेंट प्रोजेक्ट शुरू किया उनका आइडिया स्वीकारा गया और इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस यूथ पार्लियामेंट प्रोजेक्ट शुरू हुआ। उस समय हर्ष करवीर के ASP थे। इस कॉन्सेप्ट का मेन मकसद युवाओं को अपराध के रास्ते से दूर करना था। हर्ष के डायरेक्शन में यह पायलट प्रोजेक्ट औरंगाबाद के नाथ वैली स्कूल और औरंगाबाद पब्लिक स्कूल में शुरू हुआ। स्कूल से कुछ बच्चों को चुनकर 3 टीम में बांटा गया और उन्हें अपराध के कुछ विषय जैसे- यौन उत्पीड़न, आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार और फाइनेंशियल गड़बड़ी दिए गए। हर टीम को सरकार, पुलिस विभाग और आम जनता जैसी जिम्मेदारी दी गई। हर टीम से एक वक्ता को बुलाया गया और दिए गए विषय पर बोलने को कहा गया। उसे बताना था कि समाज में इन सारी बुराइयों को कैसे रोका जाए। उन्हें अपनी तरफ से समाधान भी पेश करना था। जब ये अभियान पूरा हुआ तो पुलिस विभाग ने पाया कि बच्चों में इन सारी बुराइयों के बारे में अच्छी समझ है। इस तरह के क्रियाकलाप से बच्चों में अपराध करने की संभावित प्रवृत्ति में गिरावट तो आई। साथ ही, वे अपने आस पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करने लगे। 2 लाख यूथ को पार्लियामेंट प्रोजेक्ट से जोड़ा हर्ष के आइडिया पर काम करने के बाद सफलता मिली तो पुलिस डिपार्टमेंट ने महाराष्ट्र के बाकी जिलों में भी इसे लागू किया गया। तब से लेकर अब तक लगभग 2,00,000 से ज्यादा युवाओं को इस कैंपेन से जोड़ा जा चुका है। सांप्रदायिकता से निपटने के लिए ‘उड़ान’ प्रोजेक्ट लाए इसके अलावा, साल 2018 में हर्ष ने ‘उड़ान’ प्रोजेक्ट भी शुरू किया। इसके तहत सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में हजारों छात्रों को मुफ्त करियर गाइडेंस दिया गया। ये मालेगांव में अफवाहों के कारण बढ़ रही मॉब हिंसा के खिलाफ बड़ा अभियान साबित हुआ। हर्ष ने कई संगठित अपराध मामलों की जांच की है और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड कानून पर एक किताब भी लिखी है। लॉकडाउन की कानून व्यवस्था केस स्टडी बना कोविड महामारी के दौरान उनकी कानून-व्यवस्था लागू करने की पद्धति को COVID पुलिसिंग का केस स्टडी माना गया। बीड जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में, उनके लीडरशिप में लॉकडाउन का इतना इफेक्टिव तरीके से पालन कराया गया कि पूरे लॉकडाउन में जिले में संक्रमण का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। MARVEL के CEO के पद पर कार्यरत हर्ष अभी नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में तैनात हैं। अपनी पुलिसिंग जिम्मेदारियों के साथ-साथ वे MARVEL (Maharashtra Advanced Research and Vigilance for Enhanced Law Enforcement) के CEO का एडिशनल चार्ज भी संभालते हैं। यह एक स्पेशल यूनिट है, जिसका उद्देश्य लॉ इन्फोर्समेंट को ज्यादा इफेक्टिव बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को लागू करना है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... जस्टिस सूर्यकांत ने 53वें CJI पद की शपथ ली: SIR, तलाक-ए-हसन समेत 8 मामलों की सुनवाई करेंगे; जानें प्रोफाइल जस्टिस सूर्यकांत ने आज 24 नवंबर को देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई ने 27 अक्टूबर को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सीनियर जस्टिस सूर्यकांत शर्मा के नाम की सिफारिश की थी। पढ़ें पूरी खबर...

   

सम्बंधित खबर