वित्‍त मंत्री ने कहा-‘क्लस्टर’ विकास का दृष्टिकोण अपनाए अरुणाचल सरकार

ईटानगर/नई दिल्ली, 01 अक्‍टूबर (हि.स.)। केंद्रीय वित्‍त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश सरकार से कहा कि वह राज्य में सूक्ष्म व लघु उद्यमों (एमएसई) की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण के लिए ‘क्लस्टर’ विकास दृष्टिकोण को अपनाए।

निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में आयोजित क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम को के दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उप-मुख्यमंत्री चौना मीन की उपस्थिति में लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा एक ऋण पहुंच कार्यक्रम में कहा कि अरुणाचल प्रदेश में आज तक एमएसएमई मंत्रालय का घोषित एक भी औद्योगिक ‘क्लस्टर’ (संकुल) नहीं है।

वित्त मंत्री सीतामरण ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पेमा खांडू से अनुरोध करती हूं कि वे राज्य में 20 जीआई-चिह्नित उत्पादों के लिए ‘क्लस्टर’ विकास का दृष्टिकोण अपनाएं। उन्‍होंने कहा कि छोटे स्थानों पर ऐसे ‘क्लस्टर’, मंत्रालय द्वारा घोषित किए जा सकते हैं। ऐसे उद्यमों को वित्तपोषित करने के लिए भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (सिडबी) को जोड़ा जा सकता है।

उन्‍होंने नाबार्ड, सिडबी और पीएनबी के सहयोग से स्टेट बैंक द्वारा आयोजित सीएसआर कार्यक्रम के तहत यहां पुलिस मुख्यालय को एक एम्बुलेंस तथा शव लाने-ले-जाने वाला एक वाहन सौंपा। इसके साथ ही एसबीआई द्वारा दान की गई 50 साइकिल भी छात्राओं को प्रदान कीं। इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को बैंकों से स्वीकृति पत्र तथा 160 लाभार्थियों को 14.41 करोड़ रुपये की ऋण राशि वितरित की।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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