
कैथल, 9 मार्च (हि.स.)। साहित्य सभा कैथल ने स्थानीय आरकेएसडी के अध्यापक-कक्ष में हाल ही में कालेज से सेवा-निवृत्त हुए प्राचार्य डॉ.संजय गोयल और उनकी उनकी धर्म-पत्नी प्रोफेसर गीता गोयल के सम्मान व नव नियुक्त प्राचार्य सत्यवीर मेहला के अभिनंदन में काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया। काव्य-गोष्ठी की अध्यक्षता सभा के प्रधान प्रोफेसर अमृत लाल मदान ने की। गोष्ष्ठी का संचालन ईश्वर चंद गर्ग ने और छाया-चित्रांकन का कार्य युवा कवि राजेश भारती ने किया। गोष्ठी के दौरान डॉ.संजय गोयल और प्रोफेसर गीता गोयल को साहित्य सभा के प्रधान प्रोफेसर अमृत लाल मदान, उप प्रधान कमलेश शर्मा, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य डॉ.हरीश झंडई, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य ईश्वर चंद गर्ग तथा संगीत साहित्य कला मंच कैथल के संस्थापक एवं संयोजक श्याम सुंदर शर्मा गौड़ ने शॉल ओढ़ाकर और स्मृति-चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
साहित्य सभा और संगीत, साहित्य कला मंच के इन्हीं पदाधिकारियों ने आर0 के0 एस0 डी0 कालेज के नव-नियुक्त प्राचार्य डॉ.सत्यवीर मेहला का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति-चिह्न भेंटकर अभिनंदन किया। गोष्ठी का आरंभ श्याम सुंदर शर्मा गौड़ और रजनीश शर्मा द्वारा गाई सरस्वती वंदना से हुआ। इसके पश्चात् सभा के प्रधान प्रोफेसर अमृत लाल मदान और उप प्रधान कमलेश शर्मा ने बारी-बारी से साहित्य के इतिहास और सभा के कुछ अविस्मरणीय पलों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर अमृत लाल ने सभा के स्थापना वर्ष 1968 से लेकर वर्ष 1983 तक की साहित्य सभा की साहित्यिक यात्रा की जानकारी दी। साहित्य सभा के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कमलेश शर्मा ने साहित्य सभा से अपने जुड़ाव की कहानी बताते हुए वर्ष 1983 से आज तक के इतिहास एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होने अपने पिता उस्ताद शायर स्वर्गीय देशराज शर्मा अब्र सीमाबी का स्मरण किया और सभा के विकास में पूर्व प्रधान डॉ0 भगवान दास निर्मोही, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी उर्दू प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ0 चंद्र त्रिखा और सभा के प्रथम पूर्व उप प्रधान ईश्वर चंद गर्ग को रेखांकित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मनोज वर्मा