शानन बिजली परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का अधिकार : शांता कुमार

वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार काे केंद्रीय मंत्री मनाेहर लाल से न्याय की उम्मीद

शिमला, 11 नवंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने शानन बिजली परियोजना को लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुख पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर पंजाब और हिमाचल के बीच निष्पक्ष रहने का निर्णय लिया है। वह व्यक्तिगत रूप से खट्टर के मित्र हैं, लेकिन इस मामले में वह न्याय की उम्मीद करते हैं, न कि उनके व्यक्तिगत संबंधों का प्रभाव।

वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने साेमवार काे एक बयान जारी कर कहा कि शानन बिजली परियोजना हर दृष्टि से हिमाचल प्रदेश की संपत्ति है। वर्ष 1966 के पंजाब पुनर्गठन कानून में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि इस कानून के लागू होने के बाद, जो साझा संपत्ति नए राज्यों में आएगी, वह उसी राज्य की होगी। इस आधार पर शांता कुमार ने कहा कि शानन बिजली परियोजना 1966 में ही हिमाचल प्रदेश को मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के साथ जो लीज डीड हुई थी, वह अब समाप्त हो चुकी है। मंडी अब रियासत नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश का हिस्सा है और अंग्रेज भी भारत छोड़ चुके हैं। इस कारण शानन बिजली परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का अधिकार है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से सवाल किया कि हिमाचल की धरती पर उत्पन्न बिजली पर किसी और का अधिकार किस कानून के तहत हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 58 वर्षों से हिमाचल प्रदेश के साथ इस मुद्दे पर भारी अन्याय हो रहा है, जिससे राज्य को प्रतिवर्ष दो सौ करोड़ रुपये की हानि हो रही है। कुमार ने हिमाचल सरकार और राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस मामले पर एकजुट होकर हिमाचल के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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