-पूर्वोत्तर भारत की अपार संभावनाओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का होगा प्रदर्शन
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 05 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में बहुप्रतीक्षित तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव 6 दिसंबर से शुरू होने वाला है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर), पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) और इन्वेस्ट इंडिया द्वारा पहली बार आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करेगा, जिसमें क्षेत्र के शिल्प, कला और सांस्कृतिक विरासत को भव्य व्यावसायिक तरीके से दर्शाया जाएगा।
पूर्वोत्तर के आठ राज्य, जिन्हें अक्सर 'अष्टलक्ष्मी' या समृद्धि के आठ रूप कहा जाता है, भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षितिज में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्र की अपार संभावनाओं और इसकी जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह महोत्सव क्षेत्र के जीवंत वस्त्र उद्योग, हस्तशिल्प और अद्वितीय भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक अभूतपूर्व मंच प्रदान करता है।
विशेष शो के निर्देशक प्रसाद बिदापा द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के शीर्ष डिजाइनरों जैसे अरुणाचल प्रदेश से जेनजुम गादी, असम से प्रियंका डी. पटवारी, मेघालय से डैनियल सिम, मणिपुर से रिचाना खुनमनथेम, मिजोरम से पेट्रीसिया ज़ेडेंग, नगालैंड से बांबी केविचुसा, सिक्किम से कर्मा सोनम भूटिया और त्रिपुरा से ज्योत्सना देबबर्मा के साथ एक विशेष फैशन शो में पारंपरिक वस्त्रों के साथ समकालीन डिजाइन के मिश्रण के साथ शानदार परिधानों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें मुगा सिल्क गाउन और एरी सिल्क स्टाल शामिल होंगे।
उद्योग के नेता, डिजाइनर और फैशन विशेषज्ञ टिकाऊ फैशन, हथकरघा के भविष्य और पूर्वोत्तर भारत के कपड़ा उद्योग की वैश्विक क्षमता पर चर्चा करेंगे।
एक भव्य संगीत समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मेघालय के प्रसिद्ध शिलांग चैम्बर क्वायर, मिजोरम के पंगपारी, सिक्किम के लेप्चा लोक संगीत बैंड सोफियाम, ईस्टर्न एलिमेंट्स अनप्लग्ड - ब्लूज़ टू रागा जैज़, मणिपुर के बसव, फेदरहेड्स हाओकुई - तंगखुल, नागा लोक, ताई खामती - मयूर नृत्य तथा नगालैंड के गिटारवादक इम्नाइनला जमीर और असम की वायलिन वादक सुनीता भुइयां की प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
इस आयोजन का एक और मुख्य आकर्षण पूर्वोत्तर भारत के छिपे हुए रत्नों जैसे कि शेरगांव, अरुणाचल प्रदेश, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम, मोइरंग, मणिपुर, सोहरा, मेघालय, थेनजावल, मिजोरम, नामची, सिक्किम, किसामा गांव, नगालैंड और माताबारी, त्रिपुरा के माध्यम से एआर-वीआर इमर्सिव वर्चुअल यात्रा होगी।
यह आयोजन क्रेता-विक्रेता बैठक के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत के कारीगरों और खरीदारों के बीच दीर्घकालिक व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा। प्रत्येक क्षेत्र से 40 खरीदार और समान संख्या में विक्रेता भाग लेंगे। अपेक्षित परिणामों में ऑन-स्पॉट बिक्री में 2 करोड़ रुपये और 50 से अधिक थोक ऑर्डर शामिल हैं।
तकनीकी सत्र और गोलमेज निवेश मंच होंगे, जहां निवेशक राज्य के प्रतिनिधियों, उद्योग के नेताओं और उद्यमियों से मिलेंगे और कपड़ा, हथकरघा और हस्तशिल्प, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, पर्यटन और आतिथ्य, शिक्षा और कौशल विकास में निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठों राज्य अपने निवेश अवसरों को प्रस्तुत करेंगे तथा प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के लिए तैयार परियोजनाओं पर प्रकाश डालेंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र के डाक टिकट मंडप में क्षेत्र के समृद्ध डाक इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा। आगंतुकों को असम के डिगबोई में तेल की खोज का इतिहास तथा रेलवे की शुरूआत और इसके तेजी से विस्तार ने पूरे क्षेत्र को कैसे बदल दिया, इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अन्य केंद्रीय मंत्रियों, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में तीन दिवसीय उत्सव का उद्घाटन करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय