स्वच्छता को स्वभाव बनाकर विकसित गुजरात से विकसित भारत का रोडमैप उकेरेंगे: मुख्यमंत्री

-पोरबंदर में राज्य स्तरीय ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर समारोह

-स्वच्छाग्रहियों और सफाई कर्मचारियों का हुआ सम्मान

पोरबंदर, 2 अक्टूबर (हि.स.)। ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर पोरबंदर के बिड़ला हॉल में राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि स्वच्छता कोई कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली है और इसे हम अपनाएं। महात्मा गांधी की विचारधारा का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि सत्य, समानता, सदाचार, स्वच्छता, स्वावलंबन, स्वराज व सेवा गांधीजी की विचारधारा को प्रस्तुत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की स्वच्छता संबंधी विचारधारा को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री की अगुवाई में देशभर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान तेज गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि राज्य का प्रत्येक नागरिक स्वच्छता को दैनिक रूप से अपने जीवन में अपनाएं। स्वच्छता मानव जीवन के सहज स्वभाव में बुन जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ की थीम पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ अंतर्गत आयोजित इस समारोह में केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले व खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और राज्य के जलापूर्ति व जिला प्रभारी मंत्री कुँवरजीभाई बावळिया भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का पोरबंदर में मुख्यमंत्री सहित महानुभावों एवं उपस्थित नागरिकों ने सीधा प्रसारण देखा। सभी महानुभावों तथा नागरिकों ने स्वच्छता पर प्रधानमंत्री का प्रेरणादायी वक्तव्य सुना। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान में बच्चों एवं महिलाओं के विराट योगदान का स्वागत करते हुए पटेल ने कहा कि स्वच्छता तो बहनों के स्वभाव में सहज रूप से बुनी हुई होती है। स्वच्छता अभियान का नई पीढ़ी पर इतना प्रभाव हुआ है कि अब तो छोटे बच्चे भी चॉकलेट के रैपर अथवा वेफर के पैकेट कूड़ेदान में ही डालते हैं। बड़े या परिवार के सदस्य यदि सड़क पर कूड़ा फेंकते हों, तो बच्चे उन्हें टोकते हैं। यह आनंद का विषय है। पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि हम सभी स्वच्छता को स्वभाव बना कर विकसित गुजरात के माध्यम से विकसित भारत का रोडमैप उकेरेंगे।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि महात्मा गांधी एक ऐसा व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने देश सहित समग्र विश्व को दिशादर्शन दिया है। गांधीजी के जीवन से प्रेरणा लेकर अनेक देशों ने गांधी का बताया मार्ग अपनाया है। स्वच्छता एक स्वभाव बने, स्वच्छता एक जीवनशैली बने; इसके लिए गांधीजी ने अनेक प्रयास किए हैं, जो सराहनीय हैं। सशस्त राष्ट्र निर्माण के लिए स्वच्छ राष्ट्र होना आवश्यक है।

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के जरिये विकसित भारत के रोडमैप का उल्लेख करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत जब अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष पूर्ण करे तब उसे विकसित बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री के पंच प्रण विकसित भारत का रोडमैप तैयार करेंगे। इस रोडमैप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वच्छता है। अमूल्य भारतीय विरासत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों के पास अकूत विरासत का अमूल्य खजाना पड़ा है। हमारी जीवनशैली, रीति-रिवाज तथा उपासना में विज्ञान समाया हुआ है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से ‘स्वस्थ देश, स्वच्छ देश’ की विभावना साकार होगी।

इस अवसर पर स्वच्छ भारत के लिए जनता की भागीदारी के अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य के लिए कुतियाणा को श्रेष्ठ तहसील पुरस्कार, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर अंतर्गत राणावाव तहसील को श्रेष्ठ कार्य पुरस्कार, स्वच्छतालक्षी इकाइयों की संपूर्ण स्वच्छता अंतर्गत नागरिकों की सहभागीदारी से मेगा क्लीनिंग ड्राइव एवं ब्लैक स्पॉट का निश्चित समय में ट्रांसफॉर्मेशन तथा वृक्षारोपण कर संपूर्ण परिवर्तन का श्रेष्ठ कार्य करने के लिए घोडदर व सोढाणा ग्राम पंचायत को पुरस्कार दिया गया।

इसी प्रकार; ‘स्वच्छता ही सेवा’ अंतर्गत जन भागीदारी के साथ सफाई कार्य करने वालीं वॉर्ड नं. 9, 10 एवं 12 की क्रमश: प्रभाबेन, दक्षाबेन तथा सरलाबेन का सम्मान किया गया और पोरबंदर के कमलाबाग, कीर्ति मंदिर एवं बगवदर पुलिस थाने को स्वच्छता संबंधी कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले ग्राम पंचायत तथा ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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