पाटीदार आरक्षण आंदोलन में हिस्सा लेने वालाें ने राजद्रोह का केस वापस लेने पर सरकार का जताया आभार

विधायक हार्दिक पटेल

आंदोलन में शामिल रहे नेता व विधायक ने ट्वीट कर दी केस वापसी की जानकारी

अहमदाबाद, 7 फरवरी (हि.स.)। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समय हुए सरकारी सम्पत्ति की तोड़-फोड़ के बाद हुए राजद्रोह के केस राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं। भाजपा के विरमगाम के विधायक हार्दिक पटेल ने इस संबंध में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर जारी किया है। वहीं आंदोलनकारी नेता दिनेश बांभणिया ने भी सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। आंदोलन के एक अन्य नेता लालजी पटेल ने भी सरकार के प्रति आभार जताते हुए आंदोलन के समय के सभी केस वापस लेने वाले निर्णय का स्वागत किया है। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में किसी तरह की आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।

गुजरात में वर्ष 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन शुरू किया गया, जिसकी चपेट में पूरा राज्य आया था। सूरत इस आंदोलन का मुख्य केंद्र बन गया था, जहां बड़ी-बड़ी रैलियां समेत धरना-प्रदर्शन हुए। आंदोलन को लेकर कई जगहों पर उग्र और हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, गांधीनगर समेत शहरों में आंदोलन की आग भड़क उठी थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। पाटीदार युवकों की मौत भी हुई थी। इसकी वजह से आंदोलनकारी हार्दिक पटेल, दिनेश बांभणिया, चिराग पटेल, अल्पेश कथीरिया, धार्मिक मालविया समेत नेताओं के विरुद्ध राजद्रोह का केस कर उनकी गिरफ्तारी की गई थी।

भाजपा विधायक ने जताया आभार

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा नेता और वीरमगाम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का आभार प्रकट पोस्ट सोशल मीडिया पर जारी किया है। पोस्ट में हार्दिक पटेल ने लिखा है कि गुजरात में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान मेरे और समाज के कई युवकों पर राजद्रोह का केस मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने वापस ले लिया है। मैं समाज की तरफ से गुजरात की भाजपा सरकार का आभार मानता हूं।

आंदोलनकारी दिनेश बांभणिया ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि मेहसाणा जिले के कडी क्षेत्र के 307 जैसे गंभीर 14 केस मुख्यमंत्री ने वापस लेने का निर्णय किया है। इसके बदले वे उनका आभार जताते हैं। सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के अध्यक्ष लालजी पटेल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि देर से ही सही लेकिन सरकार जागी है। यह अच्छी बात है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन कोई व्यक्तिगत हित के लिए नहीं, बल्कि समग्र समाज के लिए हित के लिए था। आंदोलन के दौरान कई युवाओं पर गलत केस किए गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित सभी केस वापस लेने की मांग की है।हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में स्पष्टता करना अभी बाकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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