हिसार : विद्यार्थियों ने तिरुपति धाम पहुंचकर आध्यात्मिक संस्कारों का दिया परिचय

विद्यार्थियों व शिक्षकों ने तिरुपति धाम में किए दर्शन, भगवान की अराधना कीविद्यार्थियों ने तिरुपति धाम का किया अवलोकन, दक्षिण भारतीय संस्कृति से हुए रूबरू

हिसार, 4 दिसंबर (हि.स.)। बच्चों को आध्यात्मिक संस्कारों से जोडऩे एवं दक्षिण भारतीय निर्माण कला से रूबरू करवाने के लिए विद्यार्थियों व शिक्षकों ने श्री तिरुपति बालाजी धाम का अवलोकन किया। सीएवी स्कूल के विद्यार्थियों व शिक्षकों ने तिरुपति धाम पहुंचकर पूरे विधि-विधान से भगवान श्री वेंकटेश जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी एवं अन्य देवी-देवताओं की आराधना व पूजा-अर्चना की। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित तिरुपति धाम के मंदिरों के बारे में अर्चकों ने बच्चों को विस्तार से समझाया और पूजा पद्धति को भी साझा किया। इस दौरान 42 फुट ऊंचे सोने से निर्मित गरुड़ स्तंभ एवं 71 फुट ऊंचे गोपुरम को देखकर बच्चे व शिक्षकगण अचंभित रह गए।

विद्यार्थियों व शिक्षकों ने बुधवार को धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिर में दर्शन किए। विद्यार्थियों ने धाम में बलिपीठम्, घंटाघर, श्री तिरुपति यज्ञशाला व श्रीनिवास गोशाला का भी अवलोकन किया। खास बात यह रही कि विद्यार्थियों ने अनुशासन का परिचय देते हुए भजन भी गाए। इस दौरान बच्चों व शिक्षकों में सात्विक गोष्ठी प्रसाद का वितरण भी किया गया। हर शुक्रवार निकलने वाली सवारी शोभा यात्रा एवं समय-समय पर होने वाले उत्सवों की जानकारी भी बच्चों के साथ साझा की गई। प्राकृतिक व मनोरम वातावरण में स्थापित तिरुपति धाम का अवलोकन करके बच्चे अभिभूत हो गए।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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