जस्टिन ग्रेव्स के नाबाद 202 ने क्राइस्टचर्च टेस्ट में वेस्टइंडीज को दिलाया चमत्कारिक ड्रॉ

क्राइस्टचर्च, 6 दिसंबर (हि.स.)।

क्राइस्टचर्च में खेला गया यह टेस्ट मैच उन दुर्लभ मुकाबलों में से रहा जो सामान्य शुरुआत के बाद निराशा में बदलते हैं और फिर अंत में चमत्कार तथा अदम्य जज्बे की मिसाल बन जाते हैं। अंतिम दिन जस्टिन ग्रेव्स ने नाबाद 202 रन की ऐतिहासिक पारी खेली—एक ऐसी पारी जो शुरुआत में बचाव थी और अंत में हार से इनकार।

वेस्टइंडीज, जो पहले पहली पारी में 100/2 से ढहकर 167 रन पर ऑल आउट हो गई थी और जिसे दूसरी पारी में 530 रन का लक्ष्य या दो दिन बल्लेबाजी की चुनौती मिली, उसने सभी उम्मीदों के विपरीत यह मैच ड्रॉ करा लिया।

ग्रेव्स-रोच का 180 रन की करिश्माई साझेदारी

नंबर 8 बैटर केमार रोच के साथ ग्रेव्स ने अंतिम दिन 409 गेंदों की अटूट साझेदारी (180 रन) की—यह सातवें विकेट के लिए विश्व रिकॉर्ड साझेदारी है, जिसने 35 साल पुराना तेंदुलकर–प्रभाकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

वेस्टइंडीज की दूसरी पारी 163.3 ओवर तक चली—1930 के बाद से उनकी सबसे लंबी चौथी पारी।

टीम का 457/6 का स्कोर किसी भी समय-सीमा वाले टेस्ट में चौथी पारी में बनाया गया सबसे बड़ा कुल योग है।

शाई होप की जुझारू 140 रन की पारी

ग्रेव्स को बड़ा सहयोग मिला शाई होप से, जिन्होंने आंख के संक्रमण से जूझते हुए 140 रन बनाए। दोनों ने मिलकर 196 रन की साझेदारी की और मैच को बचाने की मजबूत नींव रखी।

न्यूजीलैंड का संघर्ष और किस्मत का खेल

न्यूजीलैंड के लिए हालात मुश्किल तब हुए जब उनके दो मुख्य तेज गेंदबाज़—मैट हेनरी और नाथन स्मिथ—चोटिल होकर बाहर हो गए।

तीनों DRS समीक्षाएं भी अंतिम सत्र से पहले समाप्त हो चुकी थीं, जिससे कुछ करीबी अपीलों पर वे असहाय नज़र आए। ऑफ स्पिनर माइकल ब्रेसवेल ने 55 ओवर फेंके और दो बार रोच को आउट करने के करीब आए, लेकिन किस्मत उनके साथ नहीं थी।

चेज़ की उम्मीदें और समझदारी भरा फैसला

जब वेस्टइंडीज 398/6 पर थी और 132 रन 33 ओवर में चाहिए थे, तो कुछ पलों के लिए जीत भी संभव लगने लगी। लेकिन ग्रेव्स और रोच ने जोखिम लेने के बजाय समझदारी से डटकर बल्लेबाजी की और न्यूजीलैंड को थका दिया।

संक्षिप्त स्कोर

न्यूजीलैंड: 231 & 466/8 घोषित

वेस्टइंडीज: 167 & 457/6

(जस्टिन ग्रेव्स 202, शाई होप 140, केमार रोच 58; जैकब डफी 3/122**)

मैच परिणाम: ड्रॉ

यह टेस्ट वेस्टइंडीज की जुझारू बल्लेबाजी, धैर्य और विश्वास की ऐसी मिसाल बन गया जिसे लंबे समय तक याद किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

   

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