महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर सत्तापक्ष और विपक्ष ने अलग-अलग प्रदर्शन किया

मुंबई, 07 मार्च (हि.स.)। मुंबई में चल रहे विधानमंडल के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अलग-अलग मुद्दों पर विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। सत्तापक्ष के विधायकों ने छत्रपति संभाजी महाराज से अपनी तुलना करने पर शिवसेना यूबीटी के विधायक अनिल परब के विरुद्ध प्रदर्शन किया। विपक्षी विधायकों ने राज्य महिलाओं पर अत्याचार बढ़ने के मुद्दे पर प्रदर्शन करके मंत्री जयकुमार गोरे और गृहराज्य मंत्री योगेश कदम के इस्तीफे की मांग की।

विधान परिषद में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि गुरुवार को अनिल परब ने सभागृह में भाषण देते समय खुद की तुलना संभाजी महाराज से की। इससे संभाजी महाराज का अपमान हुआ है। भाजपा इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। दरेकर ने कहा कि अनिल परब को तत्काल माफी मांगनी चाहिए। हालांकि, शुक्रवार को विधान परिषद सभागृह में परब ने कहा कि उन्होंने भाषण देते वक्त कहा था कि संभाजी महाराज पर धर्म बदलने के लिए अत्याचार किया गया और मुझ पर पार्टी बदलने के लिए अत्याचार किया गया। इसमें किसी भी तरह संभाजी महाराज का अपमान नहीं हुआ है। अनिल परब ने कहा कि संभाजी महाराज उनके देवता हैं, वे किसी भी कीमत पर संभाजी महाराज का अपमान नहीं कर सकते।

इसी तरह शुक्रवार को विपक्षी विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं के विरोध में सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विधायक नाना पटोले ने कहा कि मंत्री योगेश कदम को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। साथ ही विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि एक महिला ने मंत्री जयकुमार गोरे पर अत्याचार करने का गंभीर आरोप लगाया है, इसलिए मंत्री जयकुमार गोरे को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। विपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने लाडली बहनों को 2100 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार आने के बाद बहनों को अयोग्य ठहराया जा रहा है। विपक्ष ने सरकार पर महिलाओं के साथ धोखा देने का आरोप लगाया ।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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