हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

शिमला, 18 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा एवं अध्ययन संस्थान द्वारा आज एनईपी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति आचार्य राजिन्द्र वर्मा उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा, कुछ भी स्थिर नहीं है, और इसलिए शिक्षण और सीखने का तरीका भी स्थिर नहीं रह सकता। नवीनतम तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग करना आवश्यक है, और यह कार्यशाला इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को पारंपरिक सामग्री के साथ-साथ ऑनलाइन डिजिटल सामग्री प्रदान करने में सक्षम बनाया जाएगा।

विषिष्ट अतिथि, अधिष्ठाता अध्ययन आचार्य बी.के. शिवराम ने हिमाचल प्रदेश की भूगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दूरस्थ शिक्षा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और एनईपी-2020 के उद्देश्यों को 2030 तक प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यशाला में कई प्रमुख वक्ताओं ने विचार साझा किए, जिनमें डॉ. दलजीत अमी, आचार्य कृष्णा शंकर कुसुमा, और डॉ. नवप्रीत कौर शामिल थे, जिन्होंने उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षा और ई-सामग्री निर्माण के महत्व पर चर्चा की।

इस अवसर पर ओडीएल की निदेशक आचार्य संजू करोल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के तरीकों एवं कार्यशैली की उपयोगिता के बारे में जागरूक किया। यह कार्यशाला शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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