राज्य के विकास में भागीदार उत्कृष्ट व्यापारी होंगे सम्मानित

-जिलेवार चयन कर 160 व्यापारियों को सम्मान करेगी सरकार

देहरादून, 3 दिसंबर (हि.स.)। राज्य सरकार प्रदेश के विकास में राजस्व प्राप्ति के माध्यम से भागीदारी 160 उत्कृष्ट व्यापारियों को सम्मानित करेगी। इस योजना के लिए व्यापारियों का चयन जिलेवार किया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री ने योजना को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति दे दी है।

वित्त मंत्री डॉ.प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश के विकास में राजस्व अर्जन के क्षेत्र में राज्यकर विभाग के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के ऐसे पंजीकृत व्यापारी जो रिटर्न फाइल, टैक्स जमा करने व अन्य अधिनियम की प्रक्रियाओं का नियमित रूप से अनुपालन कर रहे हैं, को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करने के लिए ‘पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना’ योजना प्रस्तावित है।

मंत्री ने डॉ.अग्रवाल ने बताया कि यह योजना उत्तराखंड राज्य कर विभाग के पंजीकृत ऐसे व्यापारियों पर लागू होगी, जिनका वार्षिक टनओवर 20 करोड़ तक होगा। इस योजना में वस्तुओं और सेवाओं के सभी थोक व खुदरा व्यापारियों को सम्मिलित किया जाएगा। इस योजना का चयन जिलेवार होगा। इसमें देहरादून व हरिद्वार जनपद के 20-20 व्यापारियों, उधमसिंह नगर और नैनीताल के 15-15 व्यापारियों व शेष नौ जिलों (पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़) में 10-10 व्यापारियों सहित कुल 160 व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति दे दी है। मंत्री ने बताया कि व्यापारियों के चयन के लिए जोनल अपर आयुक्त प्रत्येक संभाग स्तर पर संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें एक उपायुक्त, एक सहायक आयुक्त व एक राज्य का अधिकारी सदस्य होंगे। इस समिति की ओर से अपने क्षेत्राधिकार के जिलों के संबंध में सम्मान के लिए निर्धारित व्यापारियों की संख्या तैयार कर व्यापारियों का चयन करते हुए चयनित व्यापारियों की सूची जोनल अपर आयुक्त से अनुमोदन के बाद मुख्यालय भेजी जाएगी।

पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना के लिये पात्रता:

वित्त मंत्री ने बताया कि व्यापारी राज्य कर विभाग में पंजीकृत होना चाहिए। व्यापारी का टर्न ओवर 20 करोड़ रूपये वार्षिक से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना के अंतर्गत वस्तु व सेवा से संबंधित सभी सेक्टरों के थोक व खुदरा व्यापारियों को सम्मिलित किया जाएगा। व्यापारी पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कर जमा करने व विवरणियों में दाखिल करने में नियमित रहा हो। व्यापारी के विरूद्ध पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की गई हो। व्यापारी के विरूद्ध किसी प्रकार की राजस्व की कोई देयता शेष न हो।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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