ग्राम बडोवाला में जमीनी विवाद को लेकर बवाल, पीड़िताें ने लगाई न्याय की गुहार
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- May 06, 2025

देहरादून, 6 मई (हि.स.)। देहरादून में जमीनों की खरीद-फरोख्त का एक मामला सामने आया है। इस मामले में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पीड़ितों ने न्याय की गुहार लगाई है।
मामले में उत्तरांचल प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता की गई। इस दौरान पूर्व सैनिक हीरा वल्लभ कुनियाल सहित सभी पीड़ितों ने बताया कि गत वर्ष जुलाई 2020 में उन्होंने देहरादून के ग्राम बड़ोवाला आर्केडिया ग्रांट में अलग-अलग जमीन की खरीद एवीएस एसोसिएट के प्रॉपर्टी डीलर बिजेंद्र सिंह रावत से की।
उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर विजेंद्र सिंह रावत व उसके सहयोगी लाखन सिंह रावत दोनों ने मिलकर धोखाधड़ी की है। पीड़ितों का कहना है कि इस धोखाधड़ी का उन सभी को पता तब चला, जब जमीन एनएच के अंतर्गत आ गई और सरकारी सूची में उनमें से किसी का भी नाम नहीं है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री, तहसीलदार, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व एसडीएम तक न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आज तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है।
मामले में थाना पटेलनगर में 9 अक्टूबर 2024 को मुकदमा बिजेंद्र सिंह रावत के खिलाफ दर्ज किया लेकिन तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ितों का यह भी कहना है कि जो भूमि उन्होंने बिजेंद्र सिंह रावत और लाखन सिंह रावत से खरीदी थी, उनकी रजिस्ट्री व दाखिल खारिज दोनों हो चुके हैं और उनके पास कागजात मौजूद हैं लेकिन उनकी जमीन उनसे छीनी जा रही है, जिसके लिए विजेंद्र सिंह रावत व लाखन सिंह जिम्मेदार है। जमीन धोखाधड़ी के पीड़ितों में देवकी बिजलवान, नंदा देवी, शशि कला, विनोद कुमार, सचिन, जगजीवन राम, हीरा वल्लभ कुनियाल, नरवीर लाल, संतोषी देवी, एडवोकेट अभिजीत पटवाल शामिल है। पीड़ितों ने आरोपित विजेंद्र सिंह रावत पर जान से मारने की धमकी दिए जाने समेत अन्य आरोप भी लगाए।
इस मामले विजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उन पर लगाए जा रहे आरोप मिथ्या है। मामला न्यायायल के विचाराधीन है और विचाराधीन मामले में हस्तक्षेप करना भी अवमानना है। वे न्यायालय में अवमानना का वाद दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री व पटवारी के माध्यम से दाखिला खारिज भी चल चुका है। जमीन एनएच में आ गई लेकिन वे लोग मुआवजा भी नहीं ले रहे हैं। उल्टे उसके साथ लगातार अभद्रता कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal