अभिलेख हमें शासन की वास्तविकता और दिशा से अवगत कराते हैं : गजेन्द्र सिंह शेखावत

-भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में सुशासन और अभिलेख नामक एक प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को नई दिल्ली के जनपथ स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में 'सुशासन और अभिलेख' (सुशासन और रिकॉर्ड) नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने यहां प्रदर्शित अभिलेखों का भी अवलोकन किया और एक बैठक में अभिलेखों के संरक्षण की प्रणाली की भी समीक्षा की। इस अवसर पर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि अभिलेख हमें शासन की स्थिति और दिशा की वास्तविकता से अवगत कराते हैं। प्रदर्शनी में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त किए गए ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान भारत सरकार के स्वच्छता अभियान ने न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार किया है, बल्कि राष्ट्र के ऐतिहासिक अभिलेखागार के संरक्षण को भी प्रोत्साहित किया है। इस अभियान के एक महत्वपूर्ण पहलू में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और अन्य सरकारी संस्थाओं में पुराने अभिलेखों की समीक्षा, निपटान और मूल्यांकन शामिल था, जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अभिलेखों को भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) में स्थानांतरित करना था। इस पहल ने सुशासन की संरक्षित अभिलेखीय रिकॉर्ड को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित किया है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2021 से 2024 तक 11 मंत्रालयों और विभागों से मूल्यांकन के बाद ऐतिहासिक महत्व की लगभग 74,000 फाइलें राष्ट्रीय अभिलेखागार को हस्तांतरित की गईं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से, राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इन नए अधिग्रहीत दस्तावेजों की एक झलक प्रदान की, जो भारत में शासन के विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपति भवन की पहली हवाई फोटोग्राफी और जनरल सैम मानेक शॉ की भारत के पहले फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नति सहित दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों में भारत के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेल नेटवर्क के विस्तार में भारतीय रेलवे की भूमिका को प्रदर्शित किया।

सोम कमला अम्बा परियोजना और राष्ट्रीय जल नीति पर सामग्री सहित जल संरक्षण के भारत के लंबे समय से चले आ रहे इतिहास से संबंधित दस्तावेज भी प्रदर्शित किए गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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