प्राणियों की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है : महन्त कमल नयन दास

प्राणियों की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है : महन्त कमल नयन दासप्राणियों की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है : महन्त कमल नयन दास

अयोध्या, 1 दिसंबर (हि.स.)। प्राणियों की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। सेवा से ही देश व समाज की उन्नति हो सकती है।कल्याणम् करोति संस्था लखनऊ द्वारा श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सालय मणिरामदास छावनी में आयोजित त्रिदिवसीय नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा सेवा शिविर के समापन समारोह की रविवार को अध्यक्षता कर रहे मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महन्त कमलनयन दास ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राणी सेवा ही परम धर्म है। हम सभी को सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए। रोगियों को स्वास्थ्य लाभ देना सबसे बड़ा धर्म है। अभयदाता हनुमान मंदिर महन्त जयरामदास ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवा शिविर में जाति-धर्म का कोई भेदभाव नहीं किया जाता हैं, कुछ लोग राजनैतिक फायदे के लिए देश व समाज में अराजकता व विघटन पैदा करते रहते हैं जो उचित नहीं है ।

श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सा त्रिदिवसीय नि:शुल्क सेवा शिविर का आयोजन महामण्डलेश्वर हरिचरणदास के आशीर्वाद व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास तथा महंत जयरामदास जी गोण्डल की सद्प्रेरणा से श्री सद्गुरु मित्र मण्डल चैरिटेबल ट्रस्ट, मुम्बई के आर्थिक सहयोग से किया गया। शिविर के समापन समारोह का उद्घाटन भगवान श्रीराम व संत श्री रणछोड़ दास महाराज एवं महामण्डलेश्वर श्री हरिचरण दास के चित्रों पर माल्यार्पण करके किया गया। अतिथियों का स्वागत कल्याणम् करोति संस्था के महामंत्री राष्ट्र गौरव शर्मा व अन्य सहयोगियों ने रामनामी ओढ़ाकर तथा उमादत्त मिश्र ने अपने स्वागत भाषण से किया। समारोह का संचालन डाॅ0 राजेश तिवारी ने किया। समापन समारोह में श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सालय के प्रबन्धक डी.एन. मिश्रा ने चिकित्सालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि चिकित्सालय में स्थापनाकाल से अब तक कुल 930877 नेत्र रोगियों का पंजीकरण हुआ। जिनमें से 699950 रोगियों का रिफ्रेक्शन एवं अन्य उपचार किया गया। मोतियाबिंद के कुल 228352 आपरेशन अब तक किये गये हैं जबकि 2575 अन्य आपरेशन सम्पन्न हुए हैं। कुल मिलाकर 230927 आपरेशन किये गये हैं इनमें से 150656 आपरेशन पूर्णतः नि:शुल्क हुए और 79455 आपरेशन आंशिक सहयोग लेकर किये गये तथा आयुष्मान योजना के अंतर्गत 816 नेत्र रोगियों के आपरेशन हुए हैं। चिकित्सालय में समय समय पर नेत्र चिकित्सा सेवा शिविरों का आयोजन होता रहता है। इस चिकित्सा शिविर में 192नेत्र रोगियों के मोतियाबिंद आपरेशन हुए जबकि 225 मरीजों को रिफ्लेक्शन एवं अन्य नेत्र उपचार से लाभान्वित किया गया।शिविर में अयोध्या,जौनपुर, अम्बेडकरनगर,आजमगढ़,बस्ती

बहराइच,बलरामपुर, बाराबंकी, गोण्डा, महाराष्ट्र, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर,सुल्तानपुर व उन्नाव जनपदों के कुल 417 मरीजों का पंजीकरण किया गया था। समापन समारोह में रामायणी रामशरण दास,संजय शास्त्री, महंत विद्याभूषण,शरद शर्मा सहित अन्य लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।समारोह समाप्त होने पर मरीजों को चश्मा,दवाइयां, छड़ी , कम्बल, व लंचपैकेट देकर विदा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय

   

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