जगदलपुर : पीडिया मुठभेड़ पूरी तरह से फर्जी है, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए : मनीष कुंजाम

जगदलपुर, 16 मई (हि.स.)। सीपीआई नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि वे ग्राम पीडिया में एक रात ग्रामीणों के बीच रहकर मामले की जांच वापस लौटे हैं, ग्रामीणों से चर्चा के बाद यह स्पष्ट है कि पीडिया मुठभेड़ पूरी तरह से फर्जी है। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा इन 03 जिलों की सरहद पर स्थित पीडिया गांव में 10 मई को हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया है।

इस मुठभेड में पुलिस की कहानी गजब है, गूंगे-बहरे युवक को नक्सली बताकर पुलिस ने मार डाला है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। पुलिस ने गोलीबारी की, कुछ लोग घर के अंदर चले गए, कुछ जंगल में ही छिपने लगे। तेंदूपत्ता तोड़ने गए तीन ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े थे। उन लोगों ने कहा था हमें नहीं मारो लेकिन, पुलिस ने उनका भी कत्ल कर दिया।

मनीष कुंजाम ने कहा कि जब हम गांव गए तो हमें पता चला कि, जिन्हें पुलिस ने मारा है उनमें से कई शादीशुदा भी हैं, उनके दुधमुंहे बच्चे हैं। एक युवक जिसका नाम अलवम सन्नू है वह न तो बोल सकता था और न ही सुन सकता था। बड़ा सवाल है कि आखिर गूंगा-बहरा युवक नक्सल संगठन में कैसे हो सकता है? मनीष कुजाम ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने मुठभेड़ की कहानी गढ़ी है। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटना स्थल से जो हथियार बरामद करने की बात कही है, उसमें अधिकांश भरमार थे। भरमार बंदूक से एक बार फायर करने के बाद आधा घंटा उसे रीलोड करने में लगता है।

वहीं पुलिस का कहना है कि, मुठभेड़ सुबह 06 बजे से शाम 06 बजे तक चली, ऐसे में भरमार बंदूक पकड़े नक्सली कैसे लगातार गोलीबारी कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बरामद कई हथियार चलने की स्थिति में भी नहीं है। इससे यह स्पष्ट है कि पूरी मुठभेड़ फर्जी है। मनीष कुंजाम ने कहा कि बस्तर में बंदूक वालों की बंदूक वालों से लड़ाई होनी चाहिए। लेकिन बेगुनाहों का मारने का औचित्य नहीं है। हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सबसे पहले नक्सलियों ने पीडिया मुठभेड़ में मारे गए सभी 12 में से दो को नक्सली एवं बाकी को तेंदूपत्ता तोड़ने गये ग्रामीण बताया था। इसके बाद मारे गये नक्सलियों के शव लेने पहुंचे ग्रामीण एवं उनके साथ मौके पर पहुंची समाज सेवी बेला भााटिया ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि मुठभेड़ फर्जी है, और मारे गये ग्रामीण हैं। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने सर्व आदिवासी समाज के साथ बैठक कर पीडिया मुठभेड़े को फर्जी बताते हुए जांच कमेटी बना दिया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी मुठभेड़े को फर्जी बताते हुए जांच कमेटी बना दिया। और आज गुरुवार को सीपीआई नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने पीडिया मुठभेड़ को पूरी तरह फर्जी करार दिया है।

वहीं पुलिस ने बताया कि दक्षिण बस्तर के पीडिया इलाके में 10 मई को हुए मुठभेड़ में मारे गए सभी 12 नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। मरने वालों में मिलिट्री कंपनी नंबर-2 के सदस्य, समेत एसीएम रैंक के नक्सली हैं। इन सभी पर कुल 31 लाख रुपये का इनाम था। पिछले चार महीने में पुलिस ने तीन करोड़ से ज्यादा के इनामी नक्सलियों को ढेर किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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