कोरोना काल में सेवानिवृत विश्वविद्यालय कर्मचारियों में महंगाई भत्ता रोके जाने से आक्रोश

जयपुर, 17 मई (हि.स.)। कोरोना काल में सेवानिवृत राजस्थान विश्वविद्यालय कर्मचारी महंगाई भत्ता रोके जाने से आंदोलन की राह पकड़ने जा रहे हैं। भत्ता रोके जाने से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। महंगाई भत्ता देने की मांग को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है।

गौरतलब है कि 13 मई 2022 में कुलपति ने सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन लम्बा समय गुजर जाने के बाद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं मिल पाया है। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। कुलपति और कोर्ट के आदेश की अनुपालना में 2023 में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को तथा सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों से 500 रुपये का शपथ पत्र पर अंडरटेकिंग लेकर सभी प्रकार का सेवापरिलाभ दिए जा रहे हैं। लेकिन इसी प्रकार के मामले में फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के रिफिक्सेशन कर सेवानिवृत्ति परिलाभ का अब पुरा भुगतान नहीं कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों से छियालीस हजार उनहत्तर रुपये से लेकर अठारह लाख रुपये तक की राशि रोकी गई है। 2022 में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों द्वारा भी शपथ पत्र दे चुके हैं,दोबारा शपथ पत्र देने के लिए भी तैयार हैं। फिर भी प्रशासन कर्मचारियों को रोकी गई राशि को वापस नहीं दे रहे है।

राजस्थान विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त कर्मचारी एसोसिएशन उपाध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं देता है तो आंदोलन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप

   

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