बुद्ध पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में पुण्य की डुबकी

हरिद्वार, 23 मई (हि.स.)। बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व पर हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर देश के कई प्रांतों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन गंगा में स्नान करने के बाद दान-पुण्य का महत्व है। कहा जाता है इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इसी कारण बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान करने का विशेष महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा के स्नान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।

बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार आने वाली श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये थे। मेला क्षेत्र को 7 जोन और 19 सेक्टर में बांट कर पुलिस बल तैनात किया गया। साथ ही ट्रैफिक को लेकर भी खास व्यवस्था की गई। डाइवर्जन प्लान लागू किया गया, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के ही दिन भगवान विष्णु का धरती पर भगवान बुद्ध रूप में अवतरण हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा का स्नान तीर्थ नगरी हरिद्वार में कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए आज सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हर की पैड़ी पहुंचना शुरू हो गया था। लोगों ने स्नान के पश्चात देव दर्शन कर दान-पुण्य आदि कर्म किए। तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में भी विशेष आयोजन हुए।

आज ही के दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया था। भगवान को ज्ञान प्राप्त हुआ और आज ही के दिन भगवान बुद्ध की धरती से विदाई हुई। आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास रखने का महत्व बताया था। भगवान ने नृसिंह अवतार लिया था। मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और गंगा की पूजा अर्चना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि संपूर्ण वैशाख मास ही भगवान श्री नारायण की सेवा के लिए अर्पित है। इसका जो समापन दिवस है, वो बुद्ध पूर्णिमा या पूर्णमासी वैशाखी कहलाता है। यह इतना पावन होता है कि इस माह भगवान श्रीनारायण के अधिसंख्य अवतार हुए हैं। आज के इस अवतार में ही चतुर्दशी और पूर्णमासी के संयोग में भगवान के अवतार हुए। वहीं पूर्णमासी में बुद्धावतार हुआ है। इस बुद्धावतार के दिन जो बुद्ध पूर्णिमा कहलाती है, स्नान का, दान और तर्पण का विशेष तौर पर महत्व बताया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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