मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

- कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला इंडी गठबंधन के मुंह पर तमाचा

कानपुर, 23 मई (हि.स.)। भाजपा पिछला मोर्चा दक्षिण जिला इकाई के जिलाध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने गुरुवार को कहा कि हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद गैर कानूनी तरीके से जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने वोट बैंक के लालच के लिए पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लूट कर उस आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं। वहां की जनता अबकी बार लोकसभा चुनाव उनकी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति को सदैव के लिए खत्म कर देगी।

भाजपा दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट का फैसला घमंडियां गठबंधन के मुंह पर बड़ा तमाचा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। उनकी सरकार ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कटौती कर 2010 में मुस्लिम वोट बैंक के लालच में मुसलमान को ओबीसी प्रमाण पत्र दे दिए थे। यह केवल वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया फैसला पश्चिम बंगाल पिछड़ा कल्याण आयोग अधिनियम 1993 के खिलाफ है। इस अधिनियम के बनने से वास्तविक पिछड़े वर्ग के लोग सरकारी अवसरों से वंचित हो रहे हैं। ममता सरकार द्वारा दिए गए पांच लाख से ज्यादा ओबीसी प्रमाण पत्र पिछड़े वर्ग के अधिकारों का हनन है। पांच मई 2010 से 11 मई 2012 तक 42 वर्गों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।

रमाकांत शर्मा ने तृणमूल कांग्रेस नेता पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। ममता सरकार ने पिछड़े वर्ग के हितों पर डकैती डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम समाज के वोटों के लालच में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को न मानने के निर्णय से यह प्रमाणित होता है कि उन्हें न्यायपालिका पर भी बिल्कुल भरोसा नहीं है। इस दौरान मीडिया प्रभारी मनीष त्रिपाठी, एल बी सिंह पटेल आदि मौजूद रहें।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

   

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