सीमांत गांव द्रोणागिरी, जेलम और कागा गरपक को वाइब्रेंट विलेज योजना से जोड़ने की मांग

गोपेश्वर, 27 मई (हि.स.)। चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के सीमावर्ती गांव द्रोणागिरी, जेलम और कागा गरपक को वाइब्रेंट विलेज योजना से जोड़े जाने की मांग की है। इसको लेकर सोमवार को सीमांत गांव के जनप्रतिनिधियों ने एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा है।

ग्राम प्रधान कागा पुष्कर सिंह राणा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सीमांत गांवों को देश का पहला गांव का दर्जा देते हुए उन गांवों के लिए एक योजना का अनावरण किया था, जिसे वाइब्रेंट विलेज विलेज (जीवंत ग्राम) का नाम दिया था। जिसके अंतर्गत सीमांत चमोली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के लगभग नौ ग्राम सभाओं के गावों को शामिल किया गया। सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खंड के जो सबसे दूरस्थ ग्राम सभाओं के गांव हैं, जिसमें द्रोणागिरी, जेलम और कागा गरपक भी शामिल हैं। इन गांवों में पहुंचने के लिए ग्रामीणों को नौ-नौ किलोमीटर पैदल का रास्ता तय करना पड़ता है और अपने दिनचर्या की सामग्री को पीठ पर लाद के पहुंचाना पड़ता है। इन ग्राम सभाओं के गावों को अभी तक इस योजना से वंचित रखा गया, यह चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज की जो परिकल्पना है, वह शायद ग्रामीणों को इस योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराना और अन्य दिनचर्या की सुविधा मुहैया कराना है। ताकि पलायन को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि ग्राम सभा द्रोणागिरी, कागा गरपक के ग्रामीणों को अपनी मूलभूत आवश्यकता की वस्तुओं के लिए नौ किलोमीटर पैदल चल कर मुख्य बाजार तक पहुंचना पड़ता है। ऐसे में इन गांवों को भी इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए जो कि उसी क्षेत्र में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से इन गांवों को भी वाइब्रेंट विलेज योजना से जोड़े जाने की मांग की ताकि इन गांवों को भी लाभ मिल सके।

इस मौके पर पुष्कर सिंह राणा, देवेंद्र पंवार आदि शामिल थे।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/सत्यवान/रामानुज

   

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