मतदान केंद्रों से दूर के क्षेत्रों में तनाव को रोकने के लिए ईसीआई सातवें चरण में अधिक क्यूआरटी तैनात करेगा

कोलकाता, 27 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में मतदान संबंधी तनाव और हिंसा की घटनाओं को देखते हुए, एक और बड़ा कदम उठाया है। एक जून को सातवें चरण में अधिक त्वरित प्रतिक्रिया टीमें (क्यूआरटी) तैनात होंगी।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि शनिवार को छठे चरण के दौरान मुख्य रूप से तमलुक, घाटाल, मेदिनीपुर और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा उम्मीदवारों का पीछा करने, परेशान करने और उन्हें घेरने की खबरें आई थीं।

एक सूत्र ने कहा कि झाड़ग्राम में, भाजपा उम्मीदवार डॉ. प्रणत टुडू के वाहन पर पत्थर और ईंटें फेंके जाने के बाद उनके सिर में चोट लग गई। ये सभी घटनाएं मतदान केंद्रों से कुछ दूरी पर हुईं। इसे ध्यान में रखते हुए ईसीआई सातवें चरण में अधिक संख्या में क्यूआरटी के गठन और उनकी प्रभावी तैनाती पर अधिक जोर दे रहा है।

सीईओ कार्यालय के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि योजना के अनुसार, अब तक कुल दो हजार क्यूआरटी उन नौ निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात किए जाएंगे जहां एक जून को मतदान होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सातवें चरण में ऐसे मामलों को संबोधित करने के लिए क्यूआरटी के लिए औसत प्रतिक्रिया समय सूचना प्राप्त होने के समय से 10 मिनट निर्धारित किया गया है।

जिन नौ लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होगा उनमें दक्षिण 24 परगना में कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, जादवपुर, जयनगर, मथुरापुर और डायमंड हार्बर और उत्तर 24 परगना में बशीरहाट, बारासात और दमदम शामिल हैं।

सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि सातवें चरण में जो दो निर्वाचन क्षेत्र ईसीआई की जांच के दायरे में होंगे उनमें बशीरहाट और डायमंड हार्बर शामिल हैं।

बशीरहाट एक संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र है क्योंकि संदेशखाली इसके अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है और डायमंड हार्बर में चुनाव संबंधी हिंसा का इतिहास रहा है।

पश्चिम बंगाल में पहले से ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 1,020 कंपनियां तैनात हैं।

योजना के मुताबिक, सातवें चरण में मतदान ड्यूटी के लिए 978 कंपनियां तैनात की जाएंगी, जबकि बाकी को रिजर्व में रखा जाएगा।

25 मई को छठे चरण में सीएपीएफ की 919 कंपनियां तैनात की गई थीं। हालांकि, सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में मतदान समाप्त हो चुका है, इसलिए एक जून से कुछ दिन पहले अन्य राज्यों से अतिरिक्त सीएपीएफ कर्मियों को शामिल करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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