स्मार्ट मीटर लगने के बावजूद बिजली की खुलेआम चोरी

रायपुर सतवारी इलाके में मीटरों को किया गया बाईपास
विभाग की आंखों तले कैसे चल सकती है इतनी बड़ी चोरी
जम्मू। वरिंद्र शर्मा
प्रदेश में बिजली के संकट को दूर करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए गए ताकि बिजली की चोरी को रोका जा सके लेकिन मीटर लगने के बावजूद खुलेआम चोरी हो रही है। शहर के साथ लगते रायपुर सतवारी इलाके में खुलेआम बिजली की चोरी को करते हुए देखा जा सकता है। इस इलाके में स्मार्ट मीटर लगे हैं लेकिन फिर भी मीटरों को बाईपास करके कुंडिया डाली गई हैं जिससे की इन दिनों गर्मी में लोगों का बुरा हाल हो रहा है, क्योंकि हर घर में ए.सी लगने के कारण बिजली का लोड बढ़ जाता है जिससे की बिजली गुल हो जाती है। ऐसे में इस इलाके में बिजली की काफी दिक्कत आ रही है। लोगों का आरोप है कि विभाग के स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से इलाके में इस प्रकार अवैध रूप से बिजली की चोरी करवाई जा रही है। वरना ऐसे कैसे हो सकता है कि विभाग के इतने कर्मचारी होने के बावजूद खुलेआम बिजली की चोरी हो रही है।
जानकारी के अनुसार इस इलाके में हजारों की गिनती में आबादी है। जब इलाके में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कंपनी की तरफ से तार को डाला गया तो कईं इलाकों को छोड़ दिया गया। उन इलाकों में दूसरी तार नहीं डाली गई थी जिससे की गर्मी शुरू होते ही बिजली की किल्लत शुरू हो गई। कारण यह रहा कि मिलीभगत करके उन तारों पर कुुंडियां डाली ली गई। वहां से बिजली चोरी के काम को शुरू कर दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं स्मार्ट मीटरों के बीच में अवैध तारों को डालकर बिजली की चोरी की जा रही है। इस इलाके में कई ऐसे मोहल्ले हैं यहां कई लोगों की तरफ से कनेशन तक नहीं लिए गए हैं। दर्जनों लोगों को किरायेदार रखा गया है, जोकि दिन रात बिजली का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अवैध कुंडी डालकर अपने काम को चलाया जा रहा है। बिजली विभाग का फ्लाइंग स्कवयाड है, इसके अलावा इलाके में काफी गिनती में कर्मचारी हैं लेकिन फिर भी इन कनेशनों को नहीं काटा जाता है जिससे की खुलेआम बिजली की चोरी हो रही है। ऐसे में जो लोग सही तरीके से कनेशन लेकर स्मार्ट मीटर के माध्यम से बिजली प्राप्त करते हैं। उन लोगों को भी दिक्कत हो रही है क्योंकि इलाके में इस प्रकार के अवैध काम होने से उन्हें भी बिना बिजली के दिन काटने पड़ रहे हैं।
इस बारे में जब विभाग के एक स्थानीय जेई से पूछा गया तो वह बात को टाल गए। उनका कहना था कि वह इलाके में जांच करेंगे लेकिन सवाल यह है कि जांच करने जैसी कोई बात नहीं है। सडक़ पर जाते ही खुलेआम बिजली चोरी होने के सबूत साफ दिखाई देते हैं।

 

   

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