देश को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करती है हिन्दी पत्रकारिताः प्रो. सुनील बत्रा

हरिद्वार, 29 मई (हि.स.)। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की हरिद्वार इकाई की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष में बुधवार को नेहरू यूथ हॉस्टल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में देश की आजादी से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन व राष्ट्रहित में पत्रकारिता की भूमिका पर चर्चा की गई। इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को यूनियन की ओर से सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील बत्रा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है। देश की आजादी को लेकर हुए आंदोलन में हिंदी पत्रकारिता ने अंग्रेजों की जड़े हिलाकर रख दी थी। हिंदी पत्रकारिता के उद्भव एवं विकास में हिंदी भाषा के पहले अखबार उदन्त मार्तंड और उसके संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ शिव शंकर जायसवाल ने कहा कि पत्रकारिता दिवस पर जिन मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाता है, उनको अपने व्यवहार और कार्यशैली में भी उतारना आवश्यक है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रो. पीएस चौहान ने कहा कि पत्रकारिता के दो मूल तत्व हैं। पहला जिम्मेदारी और दूसरा विश्वसनीयता। इन दोनों के लिए पत्रकारिता का निष्पक्ष होना जरूरी है, तभी वह देश और समाज के हित में उपयोगी साबित हो सकती है।

इस अवसर पर यूनियन की ओर से डॉ. शिव शंकर जायसवाल, प्रो. पीएस चौहान और रत्नमणि डोभाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं साठ वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी पत्रकारिता में निरंतर सक्रियता के साथ उत्कृष्ट कार्य कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ शिवशंकर जायसवाल, प्रवीण झा और ललितेन्द्र नाथ सहित युवा पत्रकार मेहताब आलम को प्रशस्ति पत्र देकर और शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

   

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