जून को मलेरिया माह के रूप में मनाएगा स्वास्थ्य विभाग

- मलेरिया प्रभावित जिलों के 10 फीसदी नागरिकों की होगी जांच

लखनऊ, 30 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित रहे जिलों के 10 फीसदी नागरिकों की खून की जांच कराई जाएगी। इसके अलावा कम प्रभावित जिलों में भी सात प्रतिशत नागरिकों के खून की अनिवार्य रूप से जांच कराने का निर्देश दिया गया है। ये वे लोग होंगे जो बुखार से पीड़ित होंगे। स्वास्थ्य विभाग सतर्कता के तौर पर इन लोगों के खून की जांच कराएगा और पाजिटिव पाए जाने पर उनका इलाज कराया जाएगा। विभाग ने जून को मलेरिया माह के रूप में मनाने का फैसला किया है।

अपर निदेशक मलेरिया एवं वेक्टर बार्न डिसीज डॉ. सईद अहमद ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि मासिक जांच के लिए स्वास्थ्य इकाई आने वाली समस्त गर्भवती महिलाओं की भी मलेरिया जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।

अपर निदेशक के मुताबिक वर्ष 2027 तक देश-प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए बीमारी की रोकथाम व इस रोग के संबंध में जागरुकता बढ़ाना सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसमें जनता को शुरुआती लक्षणों, सावधानियों और उपचार विकल्प के बारे में शिक्षित करना शामिल है। उन्होंने जनसमुदाय को मलेरिया से बचाव व नियंत्रण के संबंध में जागरूक करने के लिए संचार के विभिन्न माध्यमों रैली, बैठकें, गोष्ठी, चौपाल, पम्फलेट वितरण, सोशल मीडिया, रेडियो, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक आदि का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। जनसमुदाय में ‘हर रविवार मच्छर पर वार’, ‘लार्वा पर प्रहार मलेरिया का संहार’ एवं ‘बुखार में देरी पड़ेगी भारी’ जैसे संदेशों को एसएमएस व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाए।

लक्षण -

• सर्दी व कंपन के साथ एक-दो दिन छोड़कर बुखार आना

• तेज बुखार, उल्टी और सिरदर्द

• बुखार उतरते समय खूब पसीना आना

• बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी

बचाव के उपाय-

• लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराएं

• दवाएं डाक्टर के परामर्श पर ही लें

• मच्छरदानी का प्रयोग करें

• आसपास पानी का जमाव न होने दें

• पानी के बर्तनों को ढककर रखें

• कूड़ेदान का प्रयोग करे और ढक्कन खुला न रखें

• शयनकक्ष में कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/पवन

   

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