स्क्रीनिंग कमेटी के गठन का स्वागत, फर्जी दावेदारों की पहचान की जाएगी: जीएल रैना

जम्मू, 1 जून (हि.स.)। पूर्व विधान परिषद सदस्य और भाजपा प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने कश्मीरी प्रवासियों के पंजीकरण के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के पुनर्गठन का स्वागत किया है। इस विषय पर सभी पिछले आदेशों को दरकिनार करते हुए पुनर्गठित स्क्रीनिंग पैनल के अध्यक्ष गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव होंगे जबकि जम्मू-कश्मीर के सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण विभाग के प्रशासनिक सचिव और कश्मीर और जम्मू के संभागीय आयुक्त इसके सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी कदम है और इससे बड़ी संख्या में पात्र परिवारों की लंबित समस्याओं का समाधान होगा।

हालांकि पूर्व एमएलसी ने अधिकारियों को कुछ शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा अपने फायदे के लिए प्रावधान का दुरुपयोग करने के खिलाफ आगाह किया। उन्होंने अधिकारियों से एक पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने और गैर-पात्र शोषकों और रैकेटियरों को वास्तविक पीड़ितों के लाभ चुराने से रोकने का आग्रह किया। रैना ने खुलासा किया कि वर्ष 2000 में जम्मू कश्मीर की तत्कालीन सरकार द्वारा प्रवासियों की एक कृत्रिम श्रेणी बनाई गई थी जिसे 'राजनीतिक प्रवासी' नाम दिया गया था और उन्हें उन प्रवासियों के बराबर पंजीकरण और नकद सहायता दी गई थी, जिन्हें 1989-90 के दौरान आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा था। यह दावा किया गया था कि ये राजनीतिक प्रवासी खतरे की धारणा के तहत थे जो एक गलत शब्द है। उन्होंने कहा कि आदेश अलग-अलग समूहों में जारी किए गए थे। इस कथित खतरे की धारणा का इस्तेमाल सरकार ने 1996 के विधानसभा चुनाव के बाद एक तरह से किया ताकि केंद्र सरकार द्वारा वास्तविक विस्थापित समुदाय को जो भी थोड़ा बहुत लाभ या सहायता दी गई थी उसे चुरा लिया जाए।

राजनीतिक प्रवासियों के पंजीकरण का आदेश देते हुए कैबिनेट के फैसले जारी किए गए। उनके पक्ष में नकद सहायता मंजूर की गई। लेकिन राजनीतिक प्रवासियों की यह श्रेणी काफी हद तक रहस्य के आवरण में ढकी हुई है जो उन्हें सार्वजनिक जांच से दूर रखती है। राहत पाने वालों की यह श्रेणी कथित तौर पर प्रधानमंत्री के रोजगार पैकेज सहित आतंकवाद के वास्तविक पीड़ितों के लिए दिए जाने वाले लाभों को छीनना जारी रखती है। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि उनमें से अधिकांश अपने घरों और चूल्हों को वापस लौट गए हैं फिर भी वे सहायता प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। जीएल रैना ने इस घोटाले की गहन जांच की मांग की जिसका उद्देश्य तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके अयोग्य दावेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाना है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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