मीट की दुकानों के खिलाफ ठंडा पड़ा निगम का अभियान

जयपुर, 1 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी सरकार के गठन के बाद से शहर में चल रही अवैध मीट की दुकानों को लेकर दोनों निगमों ने अभियान छेड़ दिया। यह अभियान करीब तीन माह तक जोर-शोर से चला, लेकिन पिछले एक माह से इस मामले में निगम की कार्रवाई ठंडे बस्ते में है। निगम प्रशासन ना ही मीट की दुकानों का लाइसेंस की जांच कर रहा है ना ही नियमों की अवहेलना करने पर कार्रवाई कर रहा है। ऐसे में इस भीषण गर्मी में खुले में मांस बेचकर दुकानदार आमजन की जान को जोखिम में डाल रहे है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हेरिटेज नगर निगम की ओर से 200 और ग्रेटर नगर द्वारा केवल 300 दुकानों को मीट बेचने का लाइसेंस जारी किया गया है। लेकिन इसके बावजूद शहर के कोने- कोने में धड़ल्ले से खुले में मांस की बिक्री जा रही है। शहर में खुले में धडल्ले से मीट बेचा जा रहा है। इसकों लेकर लगातार निगम में शिकायते आ रही है। हालांकि निगम के इस मामले में अभियान छेड़ने के बाद मीट की दुकानों के लाइसेंस की संख्या में इजाफा देखने को मिला था, लेकिन फिर भी सभी दुकानदारों ने लाइसेंस नहीं ले रहा है। शहर में अवैध रुप से करीब 800 से अधिक मीट की दुकानें चल रही है। अभियान के दौरान दोनों निगमों ने करीब 200 से अधिक दुकानों पर कार्रवाई की।

सत्ता में आते ही हवामहल विधायक बाल मुकुंदाचार्य और सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने अवैध मीट की दुकानों पर कार्रवाई को लेकर मोर्चा खोल दिया था। हवामहल विधायक तो हर गली चौराहे जाकर मीट की दुकानों पर कार्रवाई करवाने में जुट गए थे। मीट की दुकानों को लेकर निगम कमिश्नर ने भी निर्देश दिए थे कि जो भी नियमों को ताक पर रखकर अवैध दुकानें संचालित हो रही है, उन्हें चिह्नित करें. पहले उन्हें लाइसेंस के लिए मोटिवेट किया जाएगा और यदि फिर भी लाइसेंस नहीं लेते हैं तो उन्हें सीज किया जाएगा।

हैरिटेज निगम पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ नेहा गौड ने बताया कि मीट शॉप खोलने को लेकर जो लाइसेंस दिए जाते हैं, उसमें नियम है कि 50 मीटर के दायरे में कोई धार्मिक स्थल और स्कूल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा दुकानदार को अपनी दुकान में कांच लगाकर कटिंग करनी होगी। कटिंग की हुई सामग्री बाहर प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए। आसपास सफाई का भी ध्यान रखने का नियम है। इन सभी नियमों का पालन मीट दुकानदारों को करना होगा। दिसम्बर में अवैध मीट की दुकानों को लेकर अभियान शुरू किया था। फिलहाल गर्मी के चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है। गर्मी के चलते हमारे स्टाफ के लोग भी बीमार है।

ग्रेटर निगम पशु चिकित्सा अधिकारी हरेंद्र ने बताया कि फिलहाल मीट की दुकानों को लेकर कार्रवाई नहीं चल रही है। पूर्व में इसकों लेकर अभियान चलाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लाइसेंस के लिए आवेदन आए थे। इससे लाइसेंस की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला था। अभियान करीब दो माह से अधिक समय तक चला था। अब भी अगर शिकायत आएगी तो अवैध मीट की दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप

   

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