नाबालिग ड्राइवरों पर ट्रैफिक पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई

नई दिल्ली, 2 जून (हि.स.)। दिल्ली की सड़कों पर हादसों को रोकने को लेकर ट्रैफिक पुलिस कवायद में जुटी है। इस साल रेड लाइट जंप, स्टॉपर लाइन क्रॉस करने से लेकर बिना हेलमेट ड्राइव करने वालों पर भी खूब शिकंजा कसा गया है। इस कड़ी में अब नाबालिगों के ड्राइव करने के खिलाफ छेड़े गए अभियान के ताजा आंकड़े सामने आए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार इन मामलों में तेजी से ग्राफ बढ़ा है। इन मामलों में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 573 फीसदी की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की है जो कि बेहद ही चिंताजनक बताई गई है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 1 जनवरी से 15 मई, 2023 तक नाबालिग की ड्राइविंग के मामलों में सिर्फ 15 चालान काटे गए थे। लेकिन इस साल इन मामलों में बंपर बढ़ोतरी देखी गई है। आंकड़ों के अनुसार ट्रैफिक पुलिस की तरफ से इस साल 1 जनवरी से 15 मई, 2024 तक नाबालिग ड्राइविंग के 101 चालान किए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल चालान में 573 प्रतिशत की वृद्धि बताई गई है। इससे सजह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली की सड़कों पर इस बार माइनर ड्राइविंग करने वाले ज्यादा केस आए हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस कहना है कि वह शहर की सड़कों माइनर ड्राइविंग की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि को रोकने के पूरे प्रयास कर रही है। इस साल रिकॉर्ड मामले बताते हैं कि कम उम्र के ड्राइवरों के खिलाफ मुकदमों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

दिल्ली यातायात पुलिस की ओर से इस मामले से निपटने के उद्देश्य से कई रणनीतिक उपाय भी लागू किए हैं। इनमें निगरानी बढ़ाने से लेकर खास चौकियों पर अतिरिक्त स्टॉफ की तैनाती और नाबालिगों की ओर से लगातार किए जा रहे ट्रैफिक उल्लंघन के लिए जाने जाने वाले क्षेत्रों में गश्त बढ़ाना शामिल है।

ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं देने के लिए अभिभावक को जागरूक करने के लिए कई अभियान स्कूलों से लेकर कम्युनिटी लेवल पर चलाए जा रहे हैं। अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी ज़िम्मेदारी गंभीरता से लेते हुए नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोकें। हम जनता से भी अपील करते हैं कि वे नाबालिगों की ड्राइविंग के किसी भी मामले की रिपोर्ट ट्रैफिक पुलिस या फिर नजदीक के पुलिस स्टेशन में करें।

उल्लेखनीय है कि ट्रैफिक पुलिस ने इस साल दोपहिया वाहन चालकों के बिना हेलमेट के वाहन चलाने के मामले में भी खूब चालान किए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल पांच माह के भीतर हेलमेट नहीं लगाने के 44 फीसदी मामले ज्यादा रिकॉर्ड किए गए। यह आंकड़ा भी चौंकाने वाला है जो कि दर्शाता है कि सड़क पर दोपहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट लगाने का नजरंदाज किया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी

   

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