हरी खाद के प्रयोग से जीवांश कार्बन की होती है बढ़ोतरी: डॉ.खलील खान

कानपुर, 03 जून (हि.स)। हरी खाद प्रयोग करने से मृदा का पीएच मान संतुलित रहता है। साथ ही जीवांश कार्बन की बढ़ोतरी होती है। यह जानकारी सोमवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर में आयोजित किसान चौपाल को संबोधित करते हुए मृदा वैज्ञानिक डॉ.खलील खान ने दी।

उन्होंने कृषकों को बताया कि हरी खाद के प्रयोग से मृदा मे वायु संचार, जल क्षमता में वृद्धि, अम्लीयता क्षारीयता में सुधार एवं मृदा मृदा छरण में भी कमी होती है।हरी खाद के प्रयोग से सूक्ष्म जीवों की संख्या एवं क्रियाशीलता बढ़ती है। मृदा उर्वरता शक्ति एवं उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है।

वरिष्ठ गृह वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश वर्मा ने कृषकों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बकरी पालन द्वारा अधिक आय अर्जन विषयक जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने औद्यानिक फसलों के बारे में बताया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गौरव शुक्ला एवं शुभम यादव का विशेष योगदान रहा।इस अवसर पर क्षेत्र से 30 से अधिक कृषकों ने प्रतिभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित

   

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