लोस चुनाव : पीतल नगरी मुरादाबाद को 72 सालों में मिली पहली महिला सांसद

लखनऊ, 06 जून (हि.स.)। 18वीं लोकसभा के गठन के लिए 2024 के आम चुनाव प्रदेश की दो ऐसी सीटें हैं जहां सात दशकों बाद पहली बार महिला प्रत्याशियों ने जीत का स्वाद चखा है। इनमें से एक सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद है। इस बार प्रदेश की 80 सीटों पर कुल 851 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इसमें 80 महिला उम्मीदवार शामिल थीं। कुल 7 महिला प्रत्याशियों ने जीतकर कुर्सी पर कब्जा जमाया है।

बता दें, लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 34 सीटें ऐसी हैं जहां आज तक कभी कोई महिला उम्मीदवार नहीं जीती।

मुरादाबाद को मिली पहली महिला सांसद

पीतल नगरी मुरादाबाद में पहला संसदीय चुनाव 1952 में हुआ। इस सीट पर अब तक हुए पिछले 17 चुनाव में किसी महिला को यहां का प्रतिनिधित्व करने का अवसर जनता ने नहीं दिया। आखिरकार 72 वर्षों बाद 2024 में मुरादाबाद से कोई महिला उम्मीदवार जीतकर दिल्ली पहुंची है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की टिकट पर रुचिवीरा मैदान में थी। रुचिवीरा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के कुंवर सर्वेश सिंह को 105,762 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। रुचिवीरा को 637,363 (49.67%) वोट मिले। वहीं सर्वेश सिंह के खाते में 531,601 (41.43%) वोट हासिल हुए। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के मोहम्मद इरफान 92,313 (7.19%) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव में 12 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें 2 महिलाएं थी। चुनाव में कुल 12,83,185 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव में 62.30 फीसदी वोटिंग हुई।

मुरादाबाद 72 सालों में 12 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरीं

मुरादाबाद संसदीय सीट के 72 वर्षों संसदीय सफर में कुल 260 उम्मीदवारों ने चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमाई। इसमें कुल 12 महिलाएं शामिल थीं। 1989 के चुनाव में पहली बार इंद्रा मोहिनी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव में उतरी। इंद्रा को 163,843 वोट मिले। वो दूसरे नंबर पर रही। 1991 के चुनाव में 27 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें सिर्फ 1 महिला थी। निर्दलीय महिला प्रत्याशी विजय लक्ष्मी को 732 वोट मिले।

1996 के आम चुनाव में कुल 37 प्रत्याशियों में इंद्रा मोहिनी अकेली महिला प्रत्याशी थी। इंद्रा मोहिनी को 19643 वोट मिले। वो चौथे नंबर पर रही। 1998 के चुनाव में जिम्मी उर्फ जमुना सैनी मैदान में उतरी। जिम्मी को 689 वोट हासिल हुए। 1999 के आम चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रीना कुमारी और निर्दलीय साधना ने अपनी किस्मत चुनाव मैदान में आजमाई। रीना को 63,762 और साधना को 414 वोट मिले। 14वीं लोकसभा के वर्ष 2004 में हुए चुनाव में लेबर पार्टी सेक्यूलर (एलपी-एस) की टिकट पर आशापाल और निर्दलीय फईम अख्तर मैदान में उतरी। आशा को 5479 और फईम को 1548 वोट मिले। 2009 के आम चुनाव में रिंकी सैनी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थी। रिंकी को 2185 वोट मिले।

पिछले दो चुनाव का हाल

2014 के चुनाव में मुरादाबाद सीट से 18 प्रत्याशी मैदान में उतरे। कांग्रेस की टिकट पर बेगम नूर बानो ने अपनी किस्मत आजमाई। बेगम नूर बानो को 19,732 वोट मिले। ये चुनाव बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार ने जीता था। बेगम नूर बानो चौथे नंबर पर रही। 17वीं लोकसभा के चुनाव में कुल 12 प्रत्याशी मैदान में उतरे। इसमें एक भी महिला प्रत्याशी नहीं थी। चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के डॉ. एसटी हसन ने जीता था।

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18वीं लोकसभा के चुनाव नतीजों में जिन सात महिला प्रत्याशियों को जीत मिली है उनमें मथुरा से हेमामालिनी (बीजेपी), मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल (अपना दल सोनेलाल), मैनपुरी से डिम्पल यादव (सपा), बांदा से कृष्णा पटेल (सपा), मछलीशहर से प्रिया सरोज (सपा), मुरादाबाद से रुचिवीरा (सपा) और कैराना से इकरा हसन (सपा) शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/मोहित

   

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