मिली-जुली सरकार में अब संसद में नहीं हो पाएंगे मनमाने तरीके से काम : पायलट
- Admin Admin
- Jun 10, 2024
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टोंक, 10 जून (हि.स.)। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यह जनादेश खंडित है। यह किसी एक दल को सरकार बनाने का जनादेश नहीं था, अब मिली जुली सरकार बनी है। जिस तरह का रवैया और जो शासन पिछले दस सालों में रहा है वैसा अब नहीं हो पाएगा। संसद में विपक्षी दल भी बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं। मनमाने तरीके से जो कार्य पहले संसद में होते थे, वे अब नहीं होने देंगे। सारा विपक्ष एकमत और एकजुट है और आईएनडीआईए मजबूती के साथ संसद के अंदर और संसद के बाहर सरकार को सचेत रखेगा, जवाबदेही तय करेगा और जो मनमाने तरीके से पहले शासन चला रहे थे उसे नहीं चलने देंगे अब सरकार के तेवर ढीले पड़े हैं।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सोमवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सोमवार को टोंक में शहीद स्मारक का उद्घाटन किया एवं वीरांगनाओं को सम्मानित किया। इस दौरान पीसीसी उपाध्यक्ष रामविलास चौधरी, जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद बैरवा, नगर परिषद सभापति अली अहमद, कांग्रेस नेता सऊद सईदी, पूर्व विधायक कमल बैरवा, पूर्व सैनिक मुकुट बिहारी, लक्ष्मीनारायण मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान के प्रत्येक जिले में इस प्रकार के स्मारक बनाने की एक परिकल्पना की थी। बीच में लगातार आचार संहिता आ गई थी। तो इसका उद्घाटन हम लोग नहीं कर पाए थे। उन्होंने कहा कि देश में हमारी सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए हमारे नौजवान 24 घंटे पहरा देते हैं। संघर्ष करते हैं जान हथेली पर लेकर हम लोगों को सब लोगों को सुरक्षित रखते हैं। उन शहीदों को शहीदों के परिजनों को मान सम्मान मिले उनकी यादगार हमेशा बनी रहे। सैनिक अगर फौज में काम करता है तो तनख्वाह के लिए नहीं करता है उसमें एक अपना शौर्य, अपनी मातृभूमि के लिए प्रेम और हर कीमत पर इस देश की शरहद को सुरक्षित रखने का जज्बा होता है। मनोबल बनाए रखना किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं पूरे देश की है पूरे समाज की है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में दो सौ देश होंगे लेकिन भारत की जो सेना है, हमारे जो फौजी हैं, वह दुनिया में किसी फौजी से कम नहीं है। हमारा लोहा, हमारा पराक्रम पूरी दुनिया मानती है। वर्दी पहनकर जो अहसास होता है उसका विवरण कोई नहीं कर सकता। वही जानते हैं जिन्होंने वर्दी पहनी है। खाकी और हरी वर्दी पहनने के बाद एक अनूठे अनुभव का अहसास होता है। देश में हम लोग आपस में कुछ भी चर्चा करें सरकार किसी की भी हो, किसी भी रंग की बन जाए, नेता मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री कोई भी हो लेकिन हमारे फौजी पर सबको गर्व है। इसमें कोई किसी को संकोच नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे फौजों ने आगे बढ़कर दुनिया को दिखाया कि हर परिस्थिति में हम दुश्मन का मुकाबला कर सकते हैं। जब बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इतिहास में पहली बार भारत की सेना ने 95000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था। यह हम लोगों कि गांधीवादी सोच का परिचय भी है कि लड़ाई जीतने के बाद भी हम लोगों ने उन सैनिकों के साथ सैनिक जैसा व्यवहार किया लेकिन उस समय अलग था। भारत के पास इतनी ताकत नहीं थी, फौजी के पास इतना संसाधन नहीं थे, अब जमाना बदला है लेकिन उस समय की लड़ाई हो या आज का संघर्ष हो हमारे फौजी हमेशा आगे रहे। सैनिकों ने देश की सेवा करते वक्त अपने साथ अपनी जान की कुर्बानी दी उनको हमेशा ही समाज याद रखेगा, आने वाली पीढ़ियों तक यह स्मारक उसका प्रतीक बना रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप