रियासी आतंकी हमले में बूढ़े मां-बाप ने बेटा और तीन बहनों ने इकलौता भाई खोया

सह चालक बेटे पर पूरी तरह से निर्भर दे बुढ़े माता-पिता
चीख-चीख कर पूछ रहे क्या बिगाड़ा था बेटे ने आतंकियों का 
कटड़ा। धर्मनगरी से श्रद्धालुओं को शिवखोड़ी ले जाने वाली बस पर रविवार को हुए अंतकी हमले में मारे गये बस के सह चालक २१ वर्षीय अरूण कुमार पुत्र हेमराज निवासी कंडयार गांव का रहने वाला था जो अपने मां बाप का इकलौता बेटा था। उसके कंधों के ऊपर घर की पूरी जिम्मेदारी थी और वही काम करता था और उनके घर का चुल्हा जलता था। घर वालों सहित ग्रामीणों का कहना है कि उसने उन आतंकवादियों का क्या बिगाड़ा था जिन्होंने हमारे घर का चिराग ही भुजा दिया। वहीं, जम्मू कटड़ा मार्ग पर 10 किलोमीटर दूर मयाडि़ क्षेत्र के पास गांव कंडयार के रहने वाला अरूण कुमार काफी दिनों के बाद बस के साथ शिवखोड़ी गया था, इससे पहले कई दिन आपने घर पर ही रहा था और रविवार को आतंकियों की कायराना हरकत में उसे भी अपनी जान गंवानी पड़ी हैं जो घर में अपनी तीन बड़ी बहनों का छोटा इकलौता भाई था और उसके घर का चुल्हा उसी के काम करने के बाद जलता था। हालांकि उसकी तीनों बहनों की शादी हो चुकी है और उसके पीता की उर्म ज्यादा होने के कारण वह कबाड़ की मजदूरी करते हैं मगर इसी के ऊपर पूरा घर निर्भर था जिसकी रविवार को आतंकी हमले में मौत हो गई। वहीं ग्रामीण सोहन लाल, थोडू राम, पुरषोत्तम कुमार आदि का कहना है कि गांव में बहुत ही गरीव परिवार है औरे इसके पिता कभी-कभी मजदूरी करते हैं। जब रविवार शाम को उनके घर पता चला कि आपका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा है तो उस समय से बूढ़े मां बाप अपनी सुध में ही नहीं हैं और यही कह रहे हैं कि नहीं मेरा बेटा जरूर आएगा, मगर अब अरूण इस दुनिया में नहीं है। वहीं, सोमवार को अरूण कुमार का संस्कार किया गया जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण व प्रशासन के लोग पहुचे थे।

 

   

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